अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भारत की खाद्य संस्कृति की तारीफ, किस देश का खाना है बेकार?

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हाल ही में जारी ताजा लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट के अनुसार, जी 20 देशों में भारत का खाद्य उपभोग पैटर्न सबसे टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल है। रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया और चीन क्रमशः दूसरे स्थान पर हैं, जबकि अमेरिका, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को सबसे खराब आहार पैटर्न के लिए जाना गया है।

मोटापे की समस्या

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया में वसायुक्त और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों की अधिक खपत के कारण मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लगभग 25 मिलियन लोग इन देशों में अधिक वजन के शिकार हैं, जबकि मोटापे से प्रभावित लोगों की संख्या 890 मिलियन के करीब है।

बाजरे के प्रति जागरूकता

भारत में बाजरे के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। बाजरे का सेवन भारत में लंबे समय से किया जाता रहा है, और अब इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें की जा रही हैं। ये अभियान लोगों को बाजरे के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर होने वाले फायदों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।

बाजरे में भारत की प्रगति

भारत बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसकी वैश्विक उत्पादन में 41% हिस्सेदारी है। सरकार ने बाजरे की खपत बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बाजरा मिशन, बाजरा मिशन और सूखा शमन परियोजना जैसी कई पहलें की हैं।

भारतीय खाद्य संस्कृति

भारत में भोजन की विविधता देखने को मिलती है, जिसमें शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन शामिल हैं। उत्तर भारत में मांस आधारित व्यंजन जैसे दाल और गेहूं की चपाती प्रमुख हैं, जबकि दक्षिण भारत में चावल और किण्वित खाद्य पदार्थों जैसे इडली और डोसा का सेवन होता है। इसके अलावा, मछली और मांस का भी सेवन किया जाता है।

वैश्विक बदलाव की दिशा में सलाह

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि यदि अन्य देश 2050 तक भारत के आहार पैटर्न को अपनाते हैं, तो इससे जलवायु परिवर्तन पर रोक लगेगी, जैव विविधता को नुकसान नहीं पहुंचेगा, और प्राकृतिक संसाधनों तथा खाद्य सुरक्षा को भी खतरा नहीं होगा। इस प्रकार, भारत का खाद्य उपभोग पैटर्न वैश्विक स्थिरता के लिए एक आदर्श मॉडल हो सकता है।