MP News: मध्यप्रदेश में 70,000 अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण से संबंधित एक नई और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। हाल ही में लोक शिक्षण संचालनालय ने हाईकोर्ट के निर्देश पर इस संबंध में दायर याचिका का निराकरण कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जाएगा।
हाईकोर्ट का निर्देश और DPI की प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों की नियमितीकरण की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की और इस पर DPI (डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन) को स्पष्ट निर्देश दिए। DPI ने यह स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, यह निर्णय लिया गया है कि आने वाली सीधी भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 25 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
अतिथि शिक्षकों की प्रतिक्रिया
अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अब जब उनके नियमितीकरण का मार्ग प्रशस्त नहीं हुआ है, तो इससे उनकी निराशा बढ़ सकती है। यह निर्णय उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि अब उन्हें नियमितीकरण की बजाय आरक्षण के माध्यम से अवसरों का सामना करना होगा।
इस प्रकार, मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों को अब सीधे नियमितीकरण का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन उन्हें भविष्य में सीधी भर्ती में आरक्षण का लाभ मिलने की उम्मीद है। यह निर्णय राज्य के शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है और अतिथि शिक्षकों की स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।