केंद्रीय भूजल बोर्ड की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर शहर में भूजल स्तर में लगातार गिरावट आई है। 2012 में इंदौर का भूजल स्तर 150 मीटर था, जो 2023 में बढ़कर 160 मीटर तक पहुंच गया है। इसी तरह, मध्य प्रदेश के अन्य शहरों में भी भूजल स्तर तेजी से घट रहा है।
भूजल पुनर्भरण के लिए नवाचार:
भूजल स्तर को सुधारने के लिए विभिन्न नवाचार किए जा रहे हैं। इंदौर में सड़क के हर किलोमीटर पर एक रिचार्ज बोर बनाने की योजना बनाई गई है। इससे बारिश का पानी संग्रहित होकर भूजल स्तर को पुनर्जीवित किया जाएगा।
सड़क विकास और रिचार्ज पिट:
मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से ऋण लेकर 14 राज्य हाइवे पर वर्षा जल के पुनर्भरण के लिए प्रावधान किया है। कुल 805 किलोमीटर लंबी सड़क के किनारे बड़े रिचार्ज पिट का निर्माण किया जाएगा। इन पिट्स को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि वर्षा का पानी सड़कों को नुकसान पहुंचाए बिना भूजल पुनर्भरण में सहायक हो सके।
भूजल पुनर्भरण की संरचना:
रिचार्ज बोर की गहराई उस स्थान के भूजल स्तर पर निर्भर करेगी। सामान्यतः सड़क के किनारे वर्षा जल नालियों में बहकर खो जाता है, जिससे भूजल पुनर्भरण नहीं हो पाता। इसलिए, चिन्हित स्थानों पर छह इंच व्यास का बोर किया जाएगा, जिसमें 1.5 मीटर व्यास की संरचना की जाएगी। इस संरचना में पानी की गंदगी को रोकने के लिए रेत, मिट्टी, और पेबल बोल्डर की मोटी परत होगी।
पौधरोपण और लागत:
एमपीआरडीसी ने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए एक लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य भी रखा है। प्रत्येक किलोमीटर पर एक रिचार्ज बोर की लागत 75 हजार रुपये आएगी। इस प्रकार की संरचना से भूजल स्तर में सुधार की उम्मीद की जा रही है।