TRAI: टेलीमार्केटिंग पर लगेगी लगाम, रुकेगा संदेशों का दुरुपयोग, TRAI ने जारी किए सख्त निर्देश

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लोगों को अक्सर अनचाहे कॉल और मैसेज का सामना करना पड़ता है, जो न केवल असुविधाजनक होते हैं बल्कि कई बार धोखाधड़ी का कारण भी बन सकते हैं। इन समस्याओं को देखते हुए, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने हाल ही में नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो टेलीमार्केटिंग कॉल्स और मैसेजिंग सिस्टम को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने के उद्देश्य से हैं।

टेलीमार्केटिंग कॉल्स के लिए नई निर्देश

ट्राई ने निर्देश दिया है कि सभी टेलीमार्केटिंग कॉल्स को अब 140 सीरीज में माइग्रेट किया जाएगा। इस परिवर्तन का उद्देश्य कॉल्स की बेहतर मॉनिटरिंग और नियंत्रण सुनिश्चित करना है। टेलीकॉम कंपनियों को इस नई गाइडलाइंस के अनुरूप ढालने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।

मैसेजिंग सिस्टम में सुधार के निर्देश

1 सितंबर 2024 से, किसी भी मैसेज में यूआरएल, एपीके, ओटीटी लिंक या कॉल बैक नंबर नहीं भेजे जा सकेंगे। यह नियम मैसेजिंग सिस्टम को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए लागू किया जा रहा है।

सिस्टम सुधार की नई मियादें

  • जानकारी की आवश्यकताएँ: ट्राई ने आदेश दिया है कि 1 नवंबर 2024 से, सभी मैसेज भेजने और प्राप्त करने वाले की पूरी जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। यदि किसी मैसेज में यह जानकारी नहीं होगी, तो उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा।
  • ब्लैकलिस्टिंग और निलंबन: गलत कैटेगरी में रजिस्टर्ड कंटेंट टेम्पलेट्स को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अगर कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे एक महीने के लिए निलंबित भी किया जा सकता है।
  • वेरिफिकेशन प्रक्रिया: अगर हेडर या कंटेंट टेम्पलेट में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो संबंधित कंपनी के सभी हेडर और टेम्पलेट्स को निलंबित कर दिया जाएगा। इन्हें दोबारा एक्टिवेट करने से पहले कानूनी वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा।

डिलीवरी और दुरुपयोग की रिपोर्टिंग

  • संदेश दुरुपयोग की रिपोर्टिंग: टेलीमार्केटर्स और डिलीवरी सेवाओं को संदेशों के दुरुपयोग की सूचना दो दिनों के भीतर देनी होगी। यदि वे ऐसा नहीं करते, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ट्राई का मुख्य उद्देश्य मैसेजिंग सिस्टम को अधिक पारदर्शी और स्पष्ट बनाना है। उनकी प्राथमिकता उपभोक्ताओं और उनके हितों की सुरक्षा है। ट्राई ने इस कदम की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए भविष्य में भी इसी तरह के उपाय लागू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, नई गाइडलाइंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए ट्राई की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।