हाल में संपन्न हुई अपना दल (एस) की प्रांतीय मासिक बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। 18वीं लोकसभा चुनाव के अनुभवों व सुझावों पर आधारित इस बैठक में जहाँ एक तरफ पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आउटसोर्सिंग भर्ती में आरक्षण का मुद्दा उठाकर सियासी सरगर्मी पैदा कर दी, वहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने संगठात्मक ढांचे को अधिक मजबूत करने पर जोर दिया। सहकारिता भवन में हुई इस बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों समेत उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कार्यकारी प्रदेश व जिला पदाधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान राष्ट्रीय सलाहकार जवाहरलाल पटेल व मध्य प्रदेश से का. महासचिव रोहित चंदेल भी शामिल हुए। पार्टी की योजना यूपी के साथ-साथ मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों में भी मजबूत संगठन का निर्माण करने की है।
मध्य प्रदेश में पार्टी विस्तार की योजना पर राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम ने कहा कि, “गत लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मिर्जापुर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के साथ कुछ बेहद महत्वपूर्ण सीख भी ली है। सभी जाति-वर्गों को केंद्र में रखने के साथ-साथ पार्टी की मासिक व सालाना गतिविधियों में भी इजाफा किया गया है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर गरीब, पिछड़े, वंचित वर्ग की आवाज बुलंद करने वाली पार्टी के रूप में एक अलग छवि विकसित करने के लिए यह बेहद आवश्यक है कि मध्य प्रदेश संगठन पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाये। पार्टी को फ़िलहाल जमीनी स्तर पर पूरी जिम्मेदारी व ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है।”
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने जल्द ही संगठन के सभी पदों की घोषणा किये जाने की बात कहीं, वहीं बाँदा, लखनऊ समेत कुछ जिलों के जिलाध्यक्षों को पुनः जिम्मेदारी सौंपे जाने की घोषणा भी की। इस दौरान उन्होंने कुछ पदाधिकारियों के अधिक सरकारी होने की तरफ भी इशारा किया तथा कहा कि जिसे जो जिम्मेदारी मिले वह उसे पूरे समर्पण के साथ उसका निर्वहन करे।