UP विधानसभा में पास हुआ लव जिहाद कानून, आरोपी को आजीवन कारावास का प्रावधान

Author Picture
By Srashti BisenPublished On: July 30, 2024

यूपी विधानसभा में मंगलवार को लव जिहाद को लेकर एक बिल पास हो गया। इस बिल में लव जिहाद करने के आरोपियों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है. लव जिहाद के अंतर्गत कई अपराध भी शामिल हैं. योगी सरकार ने इस बिल को सदन में पेश किया था।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2020 में लव जिहाद के खिलाफ पहला कानून पारित किया। इसके बाद सरकार ने विधानसभा में धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी थी, जिसमें 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। विधेयक में प्रावधान किया गया कि केवल विवाह के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध माना जाएगा।

20 साल की सजा का प्रावधान

नए बिल के मुताबिक, नए कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को 20 साल की कैद या उम्रकैद की सजा हो सकती है. धर्मांतरण मामले में कोई भी व्यक्ति एफआईआर दर्ज करा सकता है. इससे पहले, जानकारी या शिकायत दर्ज करने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की उपस्थिति आवश्यक थी।

सेशन कोर्ट से नीचे की कोई भी अदालत लव जिहाद के मामलों की सुनवाई नहीं करेगी। इस विधेयक में ऐसा प्रावधान किया गया है. लव जिहाद मामले में जब तक सरकारी वकील को मौका नहीं दिया जाएगा तब तक जमानत अर्जी पर विचार नहीं किया जाएगा. सभी अपराध गैर-जमानती हैं।

अवैध धर्म परिवर्तन पर रोक

यूपी विधानसभा में सोमवार को अवैध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया गया, जो मंगलवार को पास हो गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में योगी सरकार ने ‘लव जिहाद’ कानून बनाने का वादा किया था. इसके लिए 2020 में पहली बार यूपी में अवैध धर्म परिवर्तन अध्यादेश पारित किया गया। विधानमंडल में पारित होने के बाद 2021 में इसे औपचारिक रूप से कानूनी दर्जा दिया गया। उस समय, इस अधिनियम में अधिकतम 10 साल की सज़ा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना था। नए बिल में अपराध का दायरा और सजा दोनों बढ़ाने का प्रस्ताव है।

संशोधित कानून में अब अधिकतम आजीवन कारावास या 5 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। संशोधित विधेयक में उन दोषियों के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है जो किसी महिला को धोखा देकर उसका धर्म परिवर्तन कराएंगे और उससे अवैध रूप से शादी करेंगे। पहले अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान था।