रक्त कैंसर एवं रक्त जनित बीमारियों से पीडितों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से नया जीवन मिला है। इंदौर का महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज प्रदेश का एकमात्र ऐसा शासकीय चिकित्सा संस्थान बन गया है जहाँ बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट द्वारा 6 वर्षों में 100 रक्त जनित बीमारी के मरीजों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट करते हुये सफलतापूर्वक इलाज किया गया है।
यह बहुत गर्व और सम्मान के साथ चिकित्सा क्षेत्र में इंदौर के बढ़ते कदम है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर के चिकित्सकों एवं स्टाफ सदस्यों की कड़ी मेहनत से आमजन के मन में शासकीय चिकित्सालय में जटिल इलाज की संभावना के मिथक को तोडा है। यह बात नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट द्वारा 6 वर्ष में 100 से अधिक व्यक्तियों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किये जाने पर चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ एवं सहयोगी संस्थाओं के सम्मान समारोह कार्यक्रम में कही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित अन्य चिकित्सकगण उपस्थित थे। विजयवर्गीय ने कहा वर्तमान अव्यवस्थित दिनचर्या और खानपान की शैली से कई बीमारियां बढ़ रही है।
दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में कैंसर, शुगर और ब्लड प्रेशर की समस्याएं सामने आ रही है। नियंत्रित जीवन चर्या और शुद्ध व पौष्टिक खानपान जागरूकता हेतु चिकित्सक आगे आएं। श्री विजयवर्गीय ने आह्वान किया कि इन्दौर को बोन मैरो ट्रांसप्लांट की राजधानी बनाने तथा इसके और अधिक प्रसार किया जाए। इसके लिए अन्य चिकित्सकों और स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने हृदय रोग से बचाव के लिए जागरूकता हेतु विशेष पहल की बात कही। उन्होंने एमजीएम मेडिकल कॉलेज इन्दौर को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में विस्तार के लिए हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया।
कार्यक्रम को जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर ने स्वच्छता में जिस तरह से कार्य किया अब बोन मैरो ट्रांसप्लांट के सफल 100 से अधिक ऑपरेशन करके स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचा है। चिकित्सकों एवं स्टाफ टीम का प्रयास अद्भुत है। इंदौर स्वच्छता, शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है।
यह इंदौर सहित म.प्र. के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कैंसर अथवा रक्त जनित बीमारी किसी भी परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड देती है। ऐसे में बोन मैरो ट्रांसप्लांट का निशुल्क इलाज चिकित्सा क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि है और पीड़ित परिवार को आर्थिक के साथ-साथ मानसिक संबल प्रदान करने वाली पहल है।
उन्होंने चिकित्सकों के इस प्रयास को निरंतर जारी रखते हुए अधिक से अधिक पीडितों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार स्वच्छ, शिक्षित और बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लक्ष्यों के साथ कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने स्वागत उदबोधन दिया।
उन्होंने बोन मैरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया और इंदौर में प्रारंभ की गई यूनिट तथा अब तक की प्रगति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में भारतीय मूल के भोपाल निवासी अमेरिका से आए चिकित्सक डॉ. प्रकाश सतवानी, डॉ. सुधीर कटारिया, डॉ. उपेन्द्र जैन, डॉ. राहुल भार्गव, एम्स नई दिल्ली से आई डॉ. तुलिका सेठ, डॉ. प्रीति मालपानी, चाचा नेहरू चिकित्सालय की एसोसिएट डॉ. प्राची चौधरी ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट व्यक्तियों के वीडियो का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में मां सरस्वती का पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथिगण द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाले चिकित्सकों, नर्सेस, बीएमएस यूनिट स्टाफ सदस्यों तथा सीएसआर मद से आर्थिक मदद करने वाले संस्थानों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मंस सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर सुमित शुक्ला, बडी संख्या में चिकित्सक, स्टाफ सदस्य, गणमान्यजन आदि उपस्थित थे।