धार भोजशाला मामले में जैन समाज ने भी सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, किया ये दावा

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By Deepak MeenaPublished On: July 24, 2024

Bhojshala of Dhar : धार की ऐतिहासिक भोजशाला पर अब जैन समाज ने भी अपना दावा जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यह मामला पहले से ही हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच विवादित रहा है, और दोनों पक्षों ने पहले ही अपनी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगा रखी हैं।

जैन समाज का दावा:

जैन समाज का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में जैन तीर्थकरों की मूर्तियां मिली थीं। उनका दावा है कि भोजशाला स्थल पर जैन गुरुकुल और जैन मंदिर के अवशेष भी मिले हैं। जैन समाज ने पहले इंदौर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था।

याचिका में मुख्य तर्क:

याचिका में कहा गया है कि 1875 में भोजशाला की खुदाई के दौरान जैन यक्षिणी अंबिका की मूर्ति मिली थी, जो वर्तमान में ब्रिटिश संग्रहालय में है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भोजशाला का इतिहास 11वीं शताब्दी का है, जब परमार राजा भोज ने इसका निर्माण करवाया था। उस समय यह क्षेत्र हिंदू बहुल था।