भोपाल में 17 जुलाई को मुहर्रम के अवसर पर जुलूस निकाला जाएगा। इस मौके पर ताजिया, बुर्राक और सवारी शहर के विभिन्न इलाकों से निकलेंगे और वीआईपी रोड के कर्बला तक पहुंचेंगे। इस वर्ष किन्नर समुदाय द्वारा बनाए गए 16 फीट लंबे ताजिये को शहर का सबसे बड़ा माना जाएगा, जिसके निर्माण हेतु नर्मदापुरम से कारीगरों को भोपाल बुलाया गया था।
किन्नर समुदाय की नीतू नायक ने बताया कि हर साल ताजिया बनाने की तैयारी एक साल पहले से ही शुरू होती है। इसमें विशेष डिजाइन कागज पर उकेरा जाता है और फिर हाथों से इसे तैयार किया जाता है। इस बार चार मेहराब वाला ताजिया बनाया गया है, जिसके निर्माण में लगभग दो महीने का समय लगा। इसे जोड़ने के लिए कारीगर 16 जुलाई को वापस आएंगे। ताजिया बनाने में सोना, चांदी, लकड़ी, बांस, स्टील, कपड़ा और कागज का प्रयोग किया जाता है।
भोपाल की ट्रैफिक पुलिस ने मोहर्रम के अवसर पर एडवाइजरी जारी की है। 15 जुलाई से 17 जुलाई तक, मोहर्रम जुलूस के लिए पुराने शहर में आम लोगों की सुविधा के लिए ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। कई इलाकों में भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से निषेधित होगा। भारत टॉकीज, अल्पना तिराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज, शाहजानाबाद, रॉयल मार्केट, कोहेफिजा तिराहा, और कर्बला में ट्रैफिक जबरदस्ती कम करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।