भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल में राजा भोज की कलाओं और साहित्य पर आधारित रिसर्च सेंटर या म्यूजियम बनाया जाएगा। यह रिसर्च सेंटर न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि राजा भोज की समृद्ध विरासत को भी संरक्षित करेगा।
युवाओं को आकर्षित करने के लिए:
साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश में फिल्मांकन के लिए आने वाले प्रोडक्शन हाउस और कलाकारों के साथ समन्वय कर प्रदेश की अच्छी योजनाओं और उपलब्धियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
पारंपरिक कला और संस्कृति को बढ़ावा:
प्रदेश के पारंपरिक भव्य मेलों और यात्राओं जैसे भगोरिया उत्सव एवं महाकाल की सवारी आदि का प्रभावी माध्यम से प्रचार किया जाएगा। आधुनिक प्रचार-प्रसार के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाने वाले स्थानीय कलाकारों और पारंपरिक नृत्य दलों को जोड़कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
हवाई संपर्क:
पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा के लिए जिन मार्गों पर यात्रियों की बुकिंग अधिक आ रही है, वहां उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अधिक बैठक क्षमता वाले एयरक्राफ्ट संचालित किए जाएंगे। धार्मिक तीर्थ दर्शन योजना में वायु सेवा के मार्ग को शामिल किया जाएगा। शासन के क्लास-2 और 3 कार्यपालिक अधिकारियों को भी पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा द्वारा आवागमन के लिए पात्रता पर विचार कर प्रस्ताव बनाया जाएगा।
रोजगार सृजन:
प्रदेश के विश्वविद्यालयों से जुड़कर पर्यटन क्षेत्र में रोजगार मूलक स्किल डेवलपमेंट कोर्स संचालित किए जाएंगे। सहकारिता के माध्यम से पर्यटन स्थलों के पास वे-साइड एमेनिटीज और हाईवे ट्रीट आदि भी चलाए जाएंगे।
यह पहल:
निश्चित रूप से मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देगी। प्रदेश की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत को दुनिया के सामने लाएगी। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दूरदर्शी कदम प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने में मदद करेगा।