उत्तर भारत खासकर देश की राजधानी दिल्ली और गुजरात के लोगों के लिए दक्षिण के दो बड़े राज्यों से अच्छी खबर आई है। जल्द ही हमें इन दोनों राज्यों से टमाटर की सप्लाई में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. जिसके बाद टमाटर की कीमत कम होने की उम्मीद है.
फिलहाल दिल्ली में टमाटर की कीमत 75 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों ने कहा कि आपूर्ति में व्यवधान के कारण टमाटर और प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं, जिनके जल्द ही स्थिर होने की उम्मीद है।
क्यों महंगे हो रहे हैं टमाटर?
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली और कुछ अन्य शहरों में टमाटर, आलू और प्याज की कीमतें बहुत अधिक हैं. भीषण गर्मी और उसके बाद भारी बारिश से आपूर्ति बाधित हुई। जिसके कारण खुदरा कीमतों में उछाल आया. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में टमाटर की कीमतें 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, लेकिन अगर भारी बारिश के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित नहीं हुई तो इसमें कमी आ सकती है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 13 जुलाई को दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमत 77 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 150 रुपये प्रति किलोग्राम थी। 13 जुलाई को टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 67.65 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि पिछले साल यह 53.36 रुपये प्रति किलोग्राम था। फिलहाल देश के 13 राज्यों में टमाटर की कीमत 70 रुपये प्रति किलो है. फिलहाल दिल्ली में टमाटर की सप्लाई हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से हो रही है.
‘दो सप्ताह में टमाटर सस्ता होने की उम्मीद’
अधिकारी ने कहा कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हाइब्रिड टमाटर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के साथ ही कीमत में नरमी आनी शुरू हो जाएगी। सरकार सब्सिडी वाले टमाटरों की बिक्री फिर से शुरू करने की योजना नहीं बना रही है। यह कदम पिछले साल तब लागू किया गया था जब कीमत 110 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई थी। अधिकारी ने विश्वास जताया कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से आपूर्ति में सुधार होने पर कीमतें एक से दो सप्ताह में सामान्य हो जाएंगी।