इंदौर के मेधावी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि नीट परीक्षा दोबारा न कराई जाए। इन छात्रों का कहना है कि उन्होंने कड़ी मेहनत करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं और उन्हें अपनी सफलता पर गर्व है। वे यह भी तर्क देते हैं कि हर बार परीक्षा में एक जैसा प्रदर्शन करना संभव नहीं होता और हर छात्र की मानसिक स्थिति अलग होती है।
इस याचिका में शामिल 8 छात्रों में से 5 इंदौर के हैं और 3 अन्य शहरों से हैं। इन छात्रों के नाम हैं:
अश्विन मेहता
यश मेहता
शुभी जैन
गौरी अग्रवाल
कनिष्कराज सिंह देवड़ा
कृतिका जैन
अर्णव पांडे
धैर्य लाड़
छात्रों का तर्क क्या है?
अश्विन मेहता के पिता, रजनीश मेहता का कहना है कि इन छात्रों ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, बल्कि पूरे देश में अपने शहर और प्रदेश का नाम रोशन किया है। उनका मानना है कि इन छात्रों को उनकी सफलता का आनंद लेने का अवसर मिलना चाहिए, न कि परीक्षा के तनाव से दोबारा जूझना पड़े।
क्या अन्य याचिकाएं भी दायर की गई हैं?
इंदौर के छात्रों के अलावा, देश भर के अन्य 10 छात्रों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई 2024 को इस मामले पर सुनवाई करेगा। यह उम्मीद की जाती है कि न्यायालय इन मेहनती और निर्दोष छात्रों को न्याय देगा और उन्हें किसी और के अपराध का दंड नहीं भुगतना पड़ेगा।