समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आरके चौधरी द्वारा हाल ही में इसे राजशाही का प्रतीक बताए जाने पर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि की गई टिप्पणी ‘निंदनीय है और उनकी अज्ञानता को दर्शाती है‘। 28 मई, 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक पूजा करने के बाद नए संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक सेंगोल की स्थापना की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर योगी आदित्यनाथ ने लिखा, ‘समाजवादी पार्टी का भारतीय इतिहास या संस्कृति के प्रति कोई सम्मान नहीं है। सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है और उनकी अज्ञानता को दर्शाती है। यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दर्शाता है। समाजवादी पार्टी के नेतावों को भारत के इतिहास और संस्कृति के बारे में कोई सम्मान नहीं है और आगे कहा कि भारत की लोकसभा के लिए सेंगोल गौरव का प्रतिक माना जाता है। उन्होंने कहा, यह सम्मान की बात है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संसद में इसे सर्वाेच्च सम्मान दिया।
इससे पहले दिन में आरके चौधरी ने कहा, संविधान हमारे देश के लोकतंत्र प्रतीक है। प्रधानमंत्री जी ने लोकसभा चुनाव में निर्वाचित के बाद नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद भवन में लोकसभा स्पीकर की सीट के पास सेंगोल को स्थापित किया। सेंगोल का अर्थ है ‘राज-दंड‘ या ‘राजा का डंडा‘। रियासती व्यवस्था को समाप्त करने के बाद देश स्वतंत्र हुआ। क्या हमारा भारत देश राजा के डंडे से चलेगा या भारत के संविधान से? मेरी राय है कि हमारे सविंधान को बचाना है तो संसद भवन से सेंगोल को हटाया जाए।
28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक पूजा करने के बाद नए संसद भवन में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया। अधीनम द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे गए इस सेंगोल को पहले भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को स्वीकार किया था।