आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट ने खोला कुख्यात आबकारी अधिकारियों के करोड़ों का चिट्ठा

Shivani Rathore
Published on:

वर्ष 2015-16 में शिवहरे ग्रुप के आयकर छापे में मिली डायरी तथा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को डिकोड करने से मिली जानकारी में आबकारी के वरिष्ठ एवं कुछ कुख्यात अधिकारियों के द्वारा करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब किताब एवं चिट्ठा सामने आया है। लोकायुक्त कार्यालय ने तात्कालिक समय पर छापे के दौरान पाए गए रिकॉर्ड के अनुसार अधिकारियों की सूची आबकारी आयुक्त कार्यालय से मांगी गई है।

सबसे महत्वपूर्ण बातें है कि, भोपाल जिला तथा इंदौर संभाग में पदस्थ आबकारी अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। भोपाल के एक विवादित अधिकारी का नाम आयकर विभाग की रिपोर्ट सूची में पहले नंबर पर है। इस अधिकारी ने करोड़ों रुपए शिवहरे ग्रुप से लिया, ऐसा अप्रोजल रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है।

आबकारी विभाग के दो डिप्टी कमिश्नर तथा रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर का नाम भी इस अप्रेजल रिपोर्ट में है। आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश के द्वारा लोकायुक्त कार्यालय को संपूर्ण सूची उपलब्ध करा दी गई है। लोकायुक्त कार्यालय ने सूची की एक प्रतिलिपि पुनः आयकर विभाग को भेजी गई है। अब लोकायुक्त कार्यालय को इस आधार पर निर्णय लेना है कि भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत, कार्यवाही करता है या विभाग से कार्यवाही के लिए कहता है।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के एडवोकेट सचिन कुमार वर्मा ने, आयकर की अप्रोजल रिपोर्ट, और आबकारी आयुक्त से प्राप्त सूची के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शपथ पत्र पर की गई शिकायत में पीएमएलए एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करने हेतु लिखा है। आयकर विभाग एवं लोकायुक्त की इस कार्यवाही से भोपाल तथा इंदौर संभाग के अधिकारियों में भारी भय बना हुआ है।