वर्तमान समय में कंप्यूटर, एआई जैसी कई टेक्नोलोजियों की वजह से सभी काम आसान होते जा रहे है, लेकिन इन तकनीकों की वजह से साइबर क्राइम भी लगातार बढ़ रहा है। साइबर क्राइम को रोकने के लिए भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली संस्था सीईआरटी-इन (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) तथा मास्टरकार्ड इंडिया ने आपस में साझेदारी की है, इसके तहत दोनों संस्थाएँ भारत के वित्तीय क्षेत्र की सूचना सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रासंगिक साइबर खतरों के रुझान, तकनीकी जानकारी, खतरे की खुफिया जानकारी और भेद्यता रिपोर्ट साझा करेंगी। साथ ही साइबर क्षमता निर्माण, नवीनतम बाजार रुझानों और वित्तीय क्षेत्र के संगठनों की साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएँ भी आयोजित करेंगी।
इस अवसर पर जितिन प्रसाद, राज्य मंत्री, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ने कहा,” समय की जरूरत है कि डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर लोग सुरक्षित रहें। हमारी यह साझेदारी न केवल दोनों संस्थाओं को बल्कि जनता को भी बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेगी।”
मास्टरकार्ड में दक्षिण एशिया के डिवीजन प्रेसिडेंट गौतम अग्रवाल ने कहा,” हम सिस्टम की रक्षा करते हुए अपने भागीदारों और ग्राहकों को साइबर जोखिम की ज्यादा गहरी समझ देना चाहते हैं, ताकि वे जोखिमों को पहचान सकें।”
सीईआरटी-इन को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70 बी के तहत घटना प्रतिक्रिया के लिए राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित किया गया है, जो घटना प्रतिक्रिया सहायता डेस्क के संचालन के साथ ही सुरक्षा गुणवत्ता प्रबंधन सेवाएँ भी प्रदान करती है तथा मास्टरकार्ड, भुगतान उद्योग में एक वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो 210 से अधिक देशों और क्षेत्रों में कनेक्शन के साथ वित्तीय संस्थानों, सरकारों और व्यवसायों को उनकी सबसे बड़ी क्षमता का एहसास करने में मदद करती हैं।