IIM Indore: मैनिट भोपाल ने प्रबंधन और प्रौद्योगिकी शिक्षा एकीकरण के लिए किया समझौता, राष्ट्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

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इंदौर: सहयोग की परिवर्तनकारी शक्ति को अपनाते हुए आईआईएम इंदौर ने प्रबंधन और प्रौद्योगिकी शिक्षा के एकीकरण के लिए ‘मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ (मैनिट), भोपाल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। औपचारिक हस्ताक्षर समारोह में आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय और मैनिट भोपाल के निदेशक प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ला मौजूद थे। उनका साझा दृष्टिकोण एक मजबूत शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नवाचार, अनुसंधान और सामुदायिक जुड़ाव को भी बढ़ावा देने में अपनी भूमिका को निभायेगा।

राय ने कहा, भविष्य प्रबंधन विशेषज्ञता और तकनीकी नवाचार हमारे सामंजस्यपूर्ण मिश्रण पर निर्भर करता है। भारत को आगे कि और ले जाने के लिए मैनिट भोपाल के साथ विकास और समृद्धि, सक्षम नेताओं को विकसित करने के हमारे दृष्टिकोण को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने समझौता ज्ञापन के पीछे रणनीतिक इरादे पर जोर दिया और उल्लेख किया कि यह सहयोग केवल अकादमिक आदान-प्रदान के बारे में नहीं है। यह आपसी सहयोग और विकास के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने के बारे में है। जिससे हमारे संस्थानों और व्यापक समुदाय दोनों को लाभ होगा।

शुक्ला ने इस सहयोग के बारे में बताया कि, आईआईएम इंदौर के साथ हमारी मेल केवल अकादमिक क्षेत्र से जुड़ा हुवा हे । यह छात्रों के लिए नवाचार और प्रगति का नेतृत्व करने के लिए एक ठोस प्रयास है। आईआईएम इंदौर के प्रतिष्ठित संकाय के साथ इंटर्नशिप के माध्यम से हमारे छात्र मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। जो उन्हें उत्कृष्टता की ओर आगे ले जायेगा। जिससे अगली पीढ़ी के नेताओं और विचारकों को पोषित करने की हमारी सामूहिक क्षमता में वृद्धि होगी।

यह समझौता अकादमिक आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। जहाँ दोनों संस्थानों के छात्र और संकाय खुद को विविध शिक्षण वातावरण में डुबो सकते हैं। यह आदान-प्रदान उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाएगा और उनकी समझ को बढ़ाएगा। जिससे एक-दूसरे की शैक्षणिक संस्कृतियों में योगदान मिलेगा। अकादमिक से परे आईआईएम इंदौर और मैनिट भोपाल संयुक्त सामाजिक पहल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सहयोग न केवल शिक्षा देने बल्कि समाज में एक ठोस बदलाव लाने के लिए उनके समर्पण को भी रेखांकित करता है।