मेडिकल प्रवेश परीक्षा को रद्द करने के व्यापक रोने के बीच, लगभग 1,600 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए के फैसले को चुनौती देते हुए भारत के सर्वाेच्च न्यायालय में नीट यूजी 2024 याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने परिणामों को रद्द करने और फिर से परीक्षा आयोजित करने के लिए शीर्ष अदालत के निर्देशों का भी अनुरोध किया है।
पिटिशन में कहा गया है कि नैशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ग्रेस नंबर दिया है और यह सब पूर्वाग्रह से ग्रसित है और यह कुछ स्टूडेंट को बैकडोर एंट्री देने के लिए किया गया है। याचिकाकर्ता ने संदेह जताते हुए कहा कि यह तथ्य सामने आया है कि एक सेंटर विशेष पर एग्जाम दे रहे 67 स्टूडेंट्स को पूर्ण अंक 720 तक आए हैं।
इतना ही नही याचिकाकर्ता ने कहा है कि एग्जाम 5 मई को हुआ और कई शिकायतें सामने आई जिसमें पेपर लीक का आरोप लगाया गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले से दो याचिका पेंडिंग है और पेपर लीक के ग्राउंड पर एग्जाम कैंसल करने की गुहार लगाई जा चुकी है।
बता दें याचिका तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज और शैंक रोशन मोहिद्दीन ने दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि इस मामले में जब तक छानबीन होती है तब तक नीट यूजी 2024 के काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। साथ ही एसआईटी द्वारा जांच कराने की मांग की गई है।