पुणे के कल्याणीनगर में एक नाबालिग लड़के ने तेज रफ्तार पोर्शे कार से एक बाइक को टक्कर मार दी, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हादसे के लिए जिम्मेदार नाबालिग समेत उसके पिता विशाल अग्रवाल, दादा सुरेंद्र अग्रवाल और मां शिवानी अग्रवाल फिलहाल जेल में हैं।
उनके अलावा, पुलिस ने अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है जिन्होंने अपराध के सबूतों को नष्ट करने में मदद की, नाबालिग के रक्त के नमूने के साथ छेड़छाड़ की।
इस बीच, फिलहाल जेल में बंद नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुरेंद्र अग्रवाल ने पुणे पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया है और कहा हैं कि पुणे पुलिस ने मुझे गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। सुरेंद्र ने दावा किया है कि मुझ पर झूठा आरोप लगाकर इस अपराध में फंसाया गया है।
इस मामले में सुरेंद्र ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया और याचिका दायर की हैं। सुरेंद्र अग्रवाल पर कल्याणी नगर एक्सीडेंट मामले में ड्राइवर को पकड़ कर अपहरण करने का आरोप है।
मामला क्या था?
19 मई को आधी रात को नाबालिग ने शराब के नशे में तेज गति से पोर्शे कार चलाई और एक बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। इसमें दो युवा इंजीनियर अनीश दुदिया और अश्विनी कोस्टा की दुर्भाग्यवश मौत हो गई थी। इस घटना के बाद नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उसके पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
यह भी आरोप है कि दोनों ने अपने ड्राइवर पर दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने का दबाव डाला, जिसके लिए उन्होंने उसका अपहरण कर लिया और उसे वहीं फंसाए रखा। इतना ही नहीं सुरेंद्र अग्रवाल द्वारा ड्राइवर पर जवाब बदलने का दबाव भी बनाया गया। इससे पहले पुलिस ने सुरेंद्र अग्रवाल से पूछताछ की।
सूत्रों के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि सुरेंद्र अग्रवाल का संबंध अंडरवर्ल्ड से है। मामले की जांच के लिए पुलिस ने उन्हें बुलाया था। अब पोता, बेटा, दादा और बहू सभी जेल में हैं। पुलिस ने सुरेंद्र अग्रवाल के घर पर भी छापेमारी की। यह भी बताया गया है कि सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गई है।