दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम को ‘नियमित जमानत’ दे दी है। सूत्रों के अनुसार, इससे पहले अप्रैल में ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामलों की विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति कावेरी बावेजा ने इस मामले में तीन आरोपियों को एक- एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी थी। इनमें चिदंबरम के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कररमन के अलावा विकास मखारिया और मंसूर सिद्दीकी भी शामिल हैं।
मामला क्या था?
ED ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में कार्ति चिदंबरम और अन्य आरोपियों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है। उस समय उनके पिता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।
ED के अनुसार, शोधित धन की मात्रा का अभी पता लगाया जाना बाकी है और CBL मामले में उल्लिखित 50 लाख रुपये के कथित रिश्वत भुगतान को वर्तमान मामले का आधार नहीं माना जा सकता है। ED ने इसी मामले में CBI द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत अपना मामला दर्ज किया था।