उपसंचालक मनोज पाठक का निधन, जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में बनाई थी पहचान

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उपसंचालक मनोज पाठक का निधन सम्पूर्ण जनसम्पर्क विधा के लिये के अपूरणीय क्षति है। पाठक ने वर्ष 1987 में विभाग में सहायक जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं प्रारंभ की थीं।

आप ने जनसम्पर्क की विधा में अपना कार्य एक पत्रकार और बाद में जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में विशिष्ट पहचान बनाई। आपका विशिष्ट मिलनसार व्यक्तित्व, मदद के लिये तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा सदैव हमारे मानस पटल पर रहेगा। आज विभाग ने एक बेहद विनम्र, काबिल और मेहनती अधिकारी को असमय खो दिया। सम्पूर्ण जनसम्पर्क परिवार उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

प्रमुख सचिव जनसम्पर्क श्री शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि विभाग ने आज एक कर्तव्यनिष्ठ और कुशल अधिकारी को असमय खो दिया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति देने और शोकाकुल परिवार को यह आघात सहने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

आयुक्त जनसम्पर्क डॉ सुदाम खाड़े ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि श्री पाठक एक बुद्धिमान और व्यवहार कुशल जनसम्पर्क अधिकारी रहे। उन्होंने ईश्वर से परिवार को यह वज्रपात सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

संचालक जनसम्पर्क आशुतोष प्रताप सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि पाठक एक समर्पित और प्रभावी जनसम्पर्क व्यक्तित्व रहे, जिन्होंने जनसम्पर्क की विधा को नए आयाम दिए। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की है।