इंदौर पुलिस ने दो डॉक्टरों की शिकायत पर तीन अन्य डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। तीनों एक संस्था से जुड़े थे और उसके फंड में धोखाधड़ी का आरोप है। मामला नाक-कान-गला (ENT) रोग से जुड़े एक सम्मेलन से जुड़ा है।
‘डॉक्टर्स ने किया डॉक्टर्स खिलाफ केस दर्ज’
इसके लिए कई डॉक्टरों से पैसे लिए गए, इसमें धोखाधड़ी की गई। मामले में कोर्ट में परिवाद भी दायर किया गया, जिसमें एफआईआर के आदेश दिए गए। तिलक नगर पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता डॉ. प्रकाश तारे (मनभावन नगर) और डॉ. राहिल निदान (वंदना नगर) की शिकायत पर आरोपी डॉ. शैलेंद्र ओहरी (मनोरमागंज), डॉ. विशाल मुंजाल (सुयश अस्पताल के पीछे) और डॉ. संजय अग्रवाल (दिलपसंद सॉलिटेयर मनोरमागंज) के खिलाफ धारा 420 और 406 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
‘रूपये गबन का मामला’
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामला 2017-18 का है। डॉ. शैलेंद्र ओहरी (संस्था अध्यक्ष) और डॉ. विशाल मुंजाल (संस्था सचिव) सदस्य थे। इन दोनों ने मुख्य संयोजक डॉ. संजय अग्रवाल के साथ मिलकर इंदौर में राष्ट्रीय सम्मेलन एओआइकॉन 2018 का आयोजन किया था। संस्था का भारतीय स्टेट बैंक में खाता था। इसके बावजूद कार्यक्रम संचालक और पदाधिकारियों ने इससे दो अन्य बैंक खाते संचालित किए। सम्मेलन समाप्त होने के तुरंत बाद इन खातों को भी बंद कर दिया गया। इसके अलावा GST नंबर भी सरेंडर कर दिया गया।
जब संस्था के सदस्यों ने दस्तावेज मांगे तो फर्जी ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर दी गई। आरोपी संयोजक और सम्मेलन पदाधिकारियों ने अवैध तरीकों से धन कमाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए और राशि का गबन कर लिया। इसके साथ ही मूल दस्तावेज नष्ट कर दिए और संबंधित खाता भी बंद कर दिया।