भगवान गणेश की पूजा हर बुधवार इन 7 वजहों से जरूर करें, होगा धनलाभ

Ayushi
Published on:

गणेश जी को हिन्दू धर्म में सबसे प्रमुख देवताओं में गिना जाता है। श्री गणेश की आराधना हर शुभ काम के लिए की जाती है माना जाता है उनके आशीर्वाद के बिना शुभ काम अधूरे रह जाते हैं। भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते हैं और सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कहा जाता है कि प्रथम पूजनीय गणेश जी का श्रद्धा भाव से पूजन करने से घर में सुख समृद्धि तो आती है और घर धन धान्य से पूर्ण हो जाता है। भगवान गणेश का आशीर्वाद अत्यंत लाभदायक होता है। आज हम आपको बताने जा रहे है किन वजहों से बुधवार को करनी चाहिए भगवान गणेश की पूजा। तो चलिए जानते है –

ये है वो वजह –

समृद्धि –

जैसा कि आप सभी जानते है आज के ज़माने में हर एक इंसान अपने जिंदगी में सुख-समृद्धि पाना चाहता है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और भक्त अपने कार्यक्षेत्र में सफल होते हैं।

भाग्योदय –

,बता दे, भगवान गणेश की सच्चे दिल से पूजा करने से भक्त की झोली कभी खाली नहीं रहती है। इसलिए गणपति बप्पा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भगवान की पूजा करने से भाग्योदय होता है और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।

बुद्धिमत्ता –

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस बात का उल्लेख किया गया है कि गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि में बढ़ोतरी होती है। इसलिए जो भक्त बुद्धिमान बनना चाहता है उन्हें हर बुधवार को भगवान गणेश की पूजा-आराधना करनी चाहिए।

विपत्तियां हो जाती हैं दूर –

गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है यानी वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली सभी विपत्तियों को दूर कर देते हैं। इसलिए अगर किसी के जीवन में बाधाएं आ रही हैं तो उन्हें भगवान गणेश की पूजा जरूर करनी चाहिए। साथ ही भगवान गणेश की पूजा करने से भय पर भी विजय प्राप्त होती है।

सहनशील बनता है इंसान –

गणेश जी की पूजा करने से इंसान अपने अंदर छिपी शक्ति पर ध्यान देने लगता है जिससे सहनशीलता में वृद्धि होती है।

ज्ञान –

बता दे, गणेश जी की पूजा ज्ञान बढ़ाने के लिए भी की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान प्राप्त करने में आसानी होती है।

आत्मा हो जाती है शुद्ध –

अगर कोई इंसान भगवान गणेश की पूजा श्रद्धा पूर्वक करता है तो उसकी आत्मा शुद्ध हो जाती है। भक्तों के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं जिससे उनकी आत्मा शुद्ध हो जाती है।