Indore Breaking News : कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले अक्षय कांति बम की मिश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए आखिरी समय पर नामांकन फॉर्म वापस ले लिया। इतना ही नहीं उसके बाद ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
अब 17 साल पुराने एक मामले में अक्षय कांति बम की मिश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बता दे कि, कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है बताया जा रहा है कि, आज उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह गैरहाजिर रहे। इसके चलते कोर्ट द्वारा यह वारंट जारी किया गया है।
बता दें कि, खजराना के युनूस पटेल से अक्षय और कांति का जमीन विवाद था। 2007 में इसे लेकर पथराव, बलवा आदि का मामला दर्ज कराया गया था। इसी की सुनवाई के दौरान पिछली पेशी में पिता-पुत्र के खिलाफ धारा 293, 323, 506,147,148 के अलावा धारा 307 भी बढ़ा दी गई थी। फरियादी पक्ष का कहना है कि दोनों के खिलाफ इस मामले में आगजनी की धारा बढ़ाने की मांग भी की गई है।
इस केस में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निधि नीलेश श्रीवास्तव ने आरोपियों को 10 मई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। फरियादी के धारा 161 में दिए गए बयान को आधार मानते हुए कोर्ट ने खजराना थाना प्रभारी को केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही धारा 428 के तहत अभियुक्तों की अभिरक्षा की अवधि का प्रमाण पत्र भी प्रकरण में संलग्न करने के लिए कहा गया है।
फरियादी के वकील मुकेश देवल के मुताबिक प्रकरण पिछले 17 साल से चल रहा है। 24 अप्रैल को मामले की सुनवाई थी। इसमें कोर्ट ने हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने के निर्देश दिए थे। हमने आज कोर्ट में बम की जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन लगाया है लेकिन अक्षय और उनके पिता कोर्ट में ही पेश नहीं हुए। इस कारण से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
कांग्रेस से प्रत्याशी बने थे, धारा बढ़ने के बाद अचानक नामवापस लिया
कांग्रेस ने इंदौर से अक्षय बम को लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। अप्रैल आखिरी सप्ताह में इस पुराने केस में अचानक बम के खिलाफ धारा 307 बढ़ गई। इसके बाद नाटकीय घटनाक्रम के साथ बम ने कांग्रेस से नामवापस ले लिया और भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद इसी केस की 10 मई को पहली पेशी तय हुई।
ये है मामला
4 अक्टूबर 2007 को सुबह 10:30 बजे से शाम 4:15 बजे के बीच आरोपियों ने फरियादी यूनुस पटेल के गांव में जाकर उसकी जमीन पर काम कर रहे नौकरों को धमकाया और उनके साथ मारपीट करते हुए वहां कटी हुई रखी सोयाबीन में आग लगा दी थी। फरियादी जब अपने नौकर का मेडिकल परीक्षण करवाकर वापस खेत पर लौटा तो आरोपी कांतिलाल बम, उनके बेटे अक्षय, सतवीर, सुरक्षा गार्ड मनोज, सोनू एवं अन्य 7-8 लोग बंदूक लेकर आए। कांतिलाल ने कहा था कि यही यूनुस गुड्डू है। इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो। सतवीर ने गोली चलाई, लेकिन तभी रिंकू ने यूनुस का हाथ पकड़ कर उसे पीछे से खींच लिया था और गोली यूनुस के पास से निकल गई थी।
बता दें कि इंदौर के पूर्व आईजी व उनके पुत्र की सिक्योरिटी एजेंसी को कांतिलाल बम व अक्षय बम ने यूनुस पटेल की जमीन खाली कराने का ठेका दिया था। सतवीर की रिपोर्ट पर यूनुस के खिलाफ पुलिस ने झूठा लूट का प्रकरण दर्ज करा दिया था। झूठे साक्ष्य रचने के कारण यूनुस लूट के प्रकरण से दोषमुक्त हो चुके हैं।
फरियादी के धारा 161 में हुए थे बयान
फरियादी युनुस के दिनांक 19.10.2007 को धारा 161 के तहत बयान हुए थे। इसमें यूनुस ने कहा था कि, सतवीर सिंह ने मुझ पर गोली चलाई और तभी मेरे साथी रिंकू वर्मा ने हाथ पकड़ कर खींच लिया। जिससे गोली मेरे पास से निकल गई। साक्षी कैलाश, उस्मान ने भी अपने बयान में युनुस पटेल पर गोली चलाने की बात कही थी। पुलिस ने भी घटनास्थल से 1 बारह बोर की बंदूक एवं 1 चला हुआ कारतूस जब्त किया था। इस मामले में अभियुक्तगण कांतिलाल एवं अक्षय जमानत पर हैं। प्रकरण में जब्तशुदा एक बाहर बोर की बंदूक पूर्व से सुपुर्दगी पर है।