Indore: 300 करोड़ के अधिक का घोटाला, संतोष-संजीव हेराफेरी के ‘मास्टर माइंड’, फरियादी भटक रहे दर-दर

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मध्य प्रदेश में इंदौर के भू-माफियाओं की ईओडब्ल्यू से शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही जमीनी स्तर पर नहीं की जा रही है। और इस मामले को एक साइड करके रख दिया गया है। ये भूमाफिया नेताओ के साथ फोटो खिचवाकर लोगो पर अपना प्रभाव स्थापित करने की कोशिश कर रहे है। और मामले को दबाने की कोशिश कर रहे है। इंदौर, भोपाल, सीहोर धार समेत कई जगहों पर डीएचएल इंफ्राफुल इंटरनेशनल ने बड़े प्रोजेक्ट दिखाकर आम जनता को लालच दिया गया था। साथ ही सस्ती कीमतों का भी लालच दिया गया था।

इस कंपनी के लोकलुभावन लालच में लोग इस तरह फंस गए की उन्होंने अब तक 70 फीसदी ज़मींन की रकम भी जमा कर दी और उन्हें अब तक ज़मीन भी नहीं मिल पायी। लोगो द्वारा दी गयी राशि को संतोष कुमार और संजीव जायसवाल की की कंपनी द्वारा हड़प लिया गया। इनकी कंपनी में अब तक 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का गबन हो चुके है। किन्तु इनके राजनीतिक सम्बन्ध होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

अब तक कोई कार्यवाही नहीं

इस पूरे मामले में अब तक इंदौर, भोपाल समेत अन्य जगहों पर शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। लेकिन अब तक दोनों रंगा-बिल्ला नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर पुलिस जांच को प्रभावित करते रहे हैं। इसके चलते अब तक उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता अभी भी दर-दर की ठोकरें खाते नजर आ रहे हैं और डीएचएल इंफ्राफुल के निदेशक संतोष सिंह और संजीव जयसवाल मौज कर रहे हैं। इस पूरे मामले की शिकायत शिकायतकर्ताओं ने ईओडब्ल्यू से भी की थी। लेकिन अभी तक ईओडब्ल्यू में भी इसकी जांच ठंडे बस्ते में है। क्योंकि लगातार दोनों कंपनियों के निदेशक राजनीतिक प्रभाव और पैसे के दम पर कार्रवाई पूरी नहीं होने देते। ऐसे में शिकायतकर्ता अब भी सरकार से आस लगाए बैठे हैं।

सरकारी ज़मीन पर प्लाट बेचने का है आरोप

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भू-माफिया संतोष सिंह इस हेराफेरी का मास्टरमाइंड है। निवेशकों का आरोप है कि कंपनी ने सरकारी जमीन पर प्लॉट बेचे हैं। कंपनी के टेक्नो सिटी फेज-1 और फेज-2 (सिमरोल), एक्स लैंडमार्क्स (भोपाल), मिलेनियम लैंडमार्क, द ताज, द क्राउन (सीहोर), गोल्ड सिटी (इंदौर) 24 कैरेट, आइकॉन लैंडमार्क, इंपीरियल लैंडमार्क, हाई-टेक शहर और सिंगापुर सिटी आदि नाम पर कई प्रोजेक्ट हैं। सीहोर में एक कॉलोनी जो इनके द्वारा बेचीं गयी वह सरकारी ज़मींन का हिस्सा है। सरकार और प्रशासन को इस मामले में संज्ञान लेते हुए जल्द ही कोई कठोर कदम उठाना चाहिए।

संजीव उर्फ बंटी रेरा के मामलों को दबाने में माहिर है। इसके साथ ही ये लोगो को नेताओं को अपने साथ ली गई तस्वीरें दिखाकर धमकाते हैं। इस मामले को अमलीजामा नागपुर के बंटी तहसील, रेरा, रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा पहनाया जाता है। संतोष खुद को भाजपा नेता और आईपीएस, आईएएस अधिकारियों का करीबी बताकर ठगी करता है।

बंधक प्लॉट बेचने का भी है आरोप

टेक्नो 2 कॉलोनी में बंधक प्लॉट बेचने की शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोपी संजीव सिंह, संतोष सिंह, मनीष डेल, अनिरुद्ध देव, दीपक शर्मा, राजेश वर्मा और रजिस्ट्रार विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।