‘पूर्वोत्तर में रहने वाले चीनी, दक्षिण वाले अफ्रीकी..’ सैम पित्रोदा के बयान से मचा सियासी बवाल, BJP बोली- नस्लवादी, विभाजनकारी..

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इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपनी बयान से एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होनें एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत के पूर्वी हिस्से के लोग चीनियों की तरह दिखते हैं। जबकि दक्षिण वाले अफ्रीकी। वही इसके बाद बीजेपी ने हमला बोला है। कहा कि यह टिप्पणी नस्लवादी और विभाजनकारी है। सैम पित्रोदा, जिन्हें भाजपा राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु कहती है, जब उन्होंने यह टिप्पणी की तो वह भारत की विविधता पर विस्तार से बात कर रहे थे।

दरअसल सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग शक्ल-सूरत वाले लोग मिलजुल कर रहते हैं ,हम 70-75 साल से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। हम भारत जैसे विविधता वाले देश को एक साथ रख सकते हैं – जहां पूर्व में लोग चीनी की तरह दिखते हैं, लोग पश्चिम में लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में लोग गोरे जैसे दिखते हैं, और दक्षिण में लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वह उत्तर पूर्व से हैं, लेकिन एक भारतीय की तरह दिखते हैंष्। उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा को भारत के बारे में सीखना चाहिए.उन्होंने एक्स पर लिखा, सैम भाई, मैं उत्तर पूर्व से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविध देश हैं – हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। कृपया हमारे देश के बारे में कुछ सीखें।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने सैम पित्रोदा को असफल बताया. और कहा कि यह बार-बार स्पष्ट हो जाता है कि सैम पित्रोदा भारत के बारे में क्या समझते हैं। यह स्पष्ट है कि वह असफल हैं। वह देश को नहीं समझते हैं। वह राहुल गांधी के सलाहकार हैं। अब मैं समझ सकता हूं कि राहुल गांधी बकवास क्यों करते हैं। उन्होंने एएनआई से कहा, यह हार की हताशा है। वे न तो भारत को समझते हैं और न ही इसकी विरासत को।

अभिनेता से नेता बनीं और भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने सैम पित्रोदा पर भारतीयों पर नस्लवादी और विभाजनकारी कटाक्ष करने का आरोप लगाया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, सैम पित्रोदा राहुल गांधी के गुरु हैं। भारतीयों के लिए उनके नस्लवादी और विभाजनकारी तंज सुनें। उनकी पूरी विचारधारा बांटो और राज करो के बारे में है। साथी भारतीयों को चीनी और अफ्रीकी कहना घृणित है।