दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नही ले रही है। जहां उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को केजरीवाल के खिलाफ प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन श्सिख फॉर जस्टिस से कथित तौर पर राजनीतिक फंडिंग लेने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की सिफारिश की।
एलजी सक्सेना ने एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई की कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई और खालिस्तानी समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए खालिस्तान समर्थक समूह से 16 मिलियन डॉलर मिले थे। एलजी के आदेश के मुताबिक, शिकायत वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया से मिली थी।
एलजी के मुख्य सचिव सक्सेना ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा कि शिकायतकर्ता ने एक वीडियो का हवाला दिया है, जिसमें कथित तौर पर गुरपतवंत सिंह पन्नून (खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के संस्थापक) को दिखाया गया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आदमी पार्टी को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन डॉलर की आश्चर्यजनक राशि प्राप्त हुई है।
अधिकारी के पत्र में 2014 में अरविंद केजरीवाल और न्यूयॉर्क के गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स में खालिस्तानी समर्थक सिखों के बीच एक ष्गुप्त बैठकष् का भी उल्लेख किया गया है। इसमें केजरीवाल पर कथित तौर पर फंडिंग के बदले देवेंदर पाल भुल्लर की रिहाई का वादा करने का आरोप लगाया गया है। खालिस्तानी संगठनों से लेकर आम आदमी पार्टी तक। भुल्लर 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले में दोषी है।