देश भर में चुनावी जंग शुरू हो चुकी है। इसी बीच नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने विपक्ष को कुछ नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि देश के विपक्ष में एकता नहीं है। इसके कारण यह अपनी अधिकांश शक्ति खो चुका है। कांग्रेस के संगठन में कई समस्याएं हैं, जिनमें सुधार की जरूरत है।
उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। अयोध्या राम मंदिर और सीएए के जरिए चुनाव में बीजेपी को ज्यादा सीटें मिलने के सवाल पर सेन ने कहा कि ऐसी सोच धोखा है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन केवल हिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना बहुसंख्यक हिंदुओं के लिए आसान हो सकता है, लेकिन यह भारत की धर्मनिरपेक्ष जड़ों और बहु-सांस्कृतिक प्रकृति को धोखा देता है। लोकसभा चुनाव पर सेन ने कहा कि उन्हें भारत जैसे लोकतांत्रिक देश का नागरिक होने पर बहुत गर्व है। हमें देश के लोकतांत्रिक स्वरूप को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
PTI को दिए इंटरव्यू में में उन्होंने कहा कि भारत का शासक वर्ग अमीरों के हितों का ध्यान रखता है। देश में निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य देखभाल और अत्यधिक लैंगिक असमानता ने गरीबों के लिए प्रगति करना मुश्किल बना दिया है। विपक्ष का दावा है कि अगर बीजेपी सत्ता में लौटी तो संविधान बदल सकती है। इस पर सेन ने कहा कि संविधान में बदलाव को सरकार के एक खास धर्म पर अधिक फोकस से जोड़ा जा सकता है, लेकिन इससे भारत के आम लोगों को कोई फायदा नहीं होगा।