तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरूउपयोग को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया है। जहां टीएमसी के नेताओं को हिरासत में लिया गया। बता दें टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं – डेरेक ओश्ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद विरोध प्रदर्शन किया है।
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी के अनुसार, वे आम चुनाव से पहले अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को गलत तरीके से डराने-धमकाने के लिए भाजपा द्वारा एनआईए के दुरुपयोग का मुद्दा उठा रहे हैं। टीएमसी ने एक्स, पर लिखा, हम अपने लोकतंत्र की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने के ऐसे असंवैधानिक प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और ऐसी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए एक साथ खड़े होने की प्रतिज्ञा की है।
टीएमसी सांसद डोला सेन ने मीडिया से कहा, भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। जिस तरह से एनआईए, ईडी और सीबीआई काम कर रही है और टीएमसी नेताओं को निशाना बना रही है वह शर्मनाक है। हम चुनाव आयोग से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले में भीड़ द्वारा एनआईए की एक टीम पर हमला किए जाने के एक दिन बाद रविवार को इसने भाजपा और एनआईए के बीच अपवित्र गठबंधन का आरोप लगाया। यह हमला तब हुआ जब जांच एजेंसी ने 2022 में एक टीएमसी नेता के घर पर हुए विस्फोट मामले में दो आरोपियों – मनोब्रत जाना और बेलीचरण मैती को गिरफ्तार किया।
हालाँकि, एनआईए ने एक बयान जारी कर अपने कार्यों में दुर्भावनापूर्ण होने के सभी आरोपों का खंडन किया है और स्पष्ट किया है कि हमला अकारण था। एनआईए के मुताबिक, भीड़ द्वारा किया गया हमला उसके कानूनी कर्तव्यों को पूरा करने में बाधा डालने का एक प्रयास था।