किबे कंपाउंड में हुई गलत रजिस्ट्री, वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू ने दिए थे आदेश, सरकार को हुआ लाखों का नुक्सान

Meghraj
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आज गुरुवार को इंदौर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि वरिष्ठ जिला पंजीयक डॉ. अमरेश नायडू के आदेश पर पंजीयन कार्यालय 2 इंदौर के उप पंजीयक ने गलत रजिस्ट्री कर दी। इस गलत रजिस्ट्रेशन से सरकार को 12.39 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। अधिकारी की तरफ से यह गंभीर लापरवाही का मामला है।

यह मामला शिकायत के आधार पर संभागायुक्त इंदौर द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट है। इसके आधार पर मंडलायुक्त ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गुजारिश शासन से की है। आपको बता दें कि जमीन की गाइडलाइन कीमत 1.35 करोड़ रुपये है। सूत्रों के मुताबिक, संभागायुक्त की यह रिपोर्ट पंजीयन विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौड़ के पास पहुंच गई है। वहां से यह रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए आईजीआर रजिस्ट्रार यानी एम. सेलवेंद्रन को भेज दी गई है। हालांकि, फिलहाल इस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, इस पर क्या कार्रवाई होगी, इस बारे में विभाग अभी कुछ भी कहने से बच रहे है।

‘कोर्ट के अंतिम आदेश तक मालिक का पंजीयन नहीं कराएंगे’

किवे कंपाउंड के प्लॉट 33 को 1968 में सुरेशचंद्र गुप्ता को 99 साल की लीज पर दिया गया था, फिर उन्होंने यह सब 9वीं डीजल कंपनी को लीज पर दे दिया। इसका कब्जा कंपनी की किरण चोपड़ा के पास है। लेकिन इस जमीन को बेचने वाले अजय विट्ठल और सुरेश गुप्ता ने मिलकर इसका सौदा चौथे पक्ष हरमीत सिंह बग्गा को कर दिया।

इस मामले में चोपड़ा ने सिविल कोर्ट में केस दायर किया और उन्हें स्टे मिल गया है। लेकिन विट्ठल गुप्ता ने पंजीयन विभाग को यह शपथ पत्र दिया कि वह कोर्ट के अंतिम आदेश तक मालिक का पंजीयन नहीं कराएंगे। सब रजिस्ट्रार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इस पर इंदौर 2 के वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू, जो जिले के प्रमुख भी हैं, से अपील की गई। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार को रजिस्ट्री करने के आदेश जारी कर दिए।

‘सरकार को हुआ बड़ा नुकसान’

इस मामले में जांच में पता चला कि रजिस्ट्री में न केवल कोर्ट के आदेश की अनदेखी की गई, बल्कि गुप्ता द्वारा खरीद-फरोख्त पर स्टांप ड्यूटी लगाने के साथ-साथ लीज राइट्स भी ट्रांसफर करना गलत था। ड्यूटी देय है, दो तरफा ड्यूटी थी जो 12.39 लाख रुपये है, लेकिन इस रजिस्ट्री में इसकी भी वसूली नहीं की गई है और नायडू के आदेश के कारण इससे भी सरकार को नुकसान हुआ है। जो गंभीर कदाचार, लापरवाही एवं कार्य के प्रति उदासीनता है। विभाग की रिपोर्ट के आधार पर संभागायुक्त इंदौर ने कार्रवाई की अनुशंसा भोपाल राज्य के प्रमुख सचिव पैट को भेज दी है।