मुख्तार को शनिवार सुबह 10:45 बजे गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया। करीब 30 हजार लोगो की भीड़ मुख्तार के जनाजे में शामिल थी। पैतृक घर जिसे बड़ा फाटक कहते हैं, वहां मुख्तार का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। बेटे उमर अंसारी ने जनाजे पर पर इत्र छिड़काऔर मुख्तार की मूंछों पर आखिरी बार ताव दिया।
जनाजा निकलने के बाद प्रिंस टाकीज मैदान पर नमाज-ए-जनाजा की रस्म अदा की गई। यंहा पर लोगों से अपील की गई कि अब लोग आगे ना जाये और परिवार के लोगों को ही कब्रिस्तान तक दें।
मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद था। 28 मार्च की रात उसकी तबियत बिगड़ने के बाद उसे बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। वंहा डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया, पर मुख्तार को बचाया नहीं जा सका। मुख्तार का शव बाँदा से शुक्रवार की रात 1 बजकर 15 मिनट पर गाजीपुर स्थित पुश्तैनी घर लाया गया।