World Sparrow Day : पक्षी संरक्षण के लिए शिक्षिका की अनोखी पहल, घर में बनाया ‘बर्ड’ होम, 7 साल से कर रही प्रयास

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By Shivani RathorePublished On: March 20, 2024

World Sparrow Day Special : अक्सर आपने देखा होगा पहले घर के आँगन में नन्हीं गौरैया की चहचआहट चू-चू कर सुनाई देती थी. परन्तु अब कुछ दिनों से इनकी आवाज सुनने को कान तरस रहे है, इनकी आवाज अब सुनने को नहीं मिल रही है. अब ऐसे में मन में कई तरह के सवाल खड़े होते है कि क्या यह गौरेया विलुप्त हो चुकी है? या इन्हे कोई नया ठिकाना मिल गया है?

World Sparrow Day : पक्षी संरक्षण के लिए शिक्षिका की अनोखी पहल, घर में बनाया 'बर्ड' होम, 7 साल से कर रही प्रयास

लेकिन आज इन सवालों के साथ ही कुछ लोग ऐसे भी है जो आज भी गौरेया के आने के इंतजार में बर्ड होम सजाएं हुए है, इनको गौरैया के साथ साथ कई तरह की चिड़ियां पालने का शोक है. तो आइयें आज हम आपको मिलाते है एमपी की एक ऐसी शिक्षिका से जो चिड़िया की शौकीन है, उन्हें घर के आंगन में चिड़िया का आना बहुत ही पसंद है..

World Sparrow Day : पक्षी संरक्षण के लिए शिक्षिका की अनोखी पहल, घर में बनाया 'बर्ड' होम, 7 साल से कर रही प्रयास

जी हां, हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में आने वाले बड़वाह की, जहां रहने वाली शिक्षिका श्वेता विपुल केशरे की, जो पशु-पक्षी प्रेमी होने के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमी भी है. उनके मन में हमेशा पशु-पक्षियों के लिए बहुत प्यार होता है. वे चाहती है कि परेशान बेजान पक्षियों की वह हर संभव मदद कर उन्हें जीवट रख कर जीने की नई उड़ान दे सके. उनका कहना है कि चिड़िया बचपन में सबकी दोस्त हुआ करती थी. उनके आंगन में आने मात्र से ही घर में ख़ुशी का माहौल बन जाता था.

World Sparrow Day : पक्षी संरक्षण के लिए शिक्षिका की अनोखी पहल, घर में बनाया 'बर्ड' होम, 7 साल से कर रही प्रयास

शिक्षिका श्वेता ने घर में बनाया ‘बर्ड’ होम

आपको बता दे कि शिक्षिका श्वेता ने गौरैया और अन्य पक्षियों के लिए घर में अलग से ‘बर्ड’ होम बना रखा हैं, जिसमें दिन भर पक्षियों की आवाज गूंजती रहती है. इस बर्ड होम में उन्होंने पक्षियों के सोने-घूमने से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था कर रखी है ताकि कोई भी बेजान पक्षी उनके घर में आकर सुकून से बैठ सके और उन्हें अपनापन महसूस हो.

World Sparrow Day : पक्षी संरक्षण के लिए शिक्षिका की अनोखी पहल, घर में बनाया 'बर्ड' होम, 7 साल से कर रही प्रयास

श्वेता के परिवार का हिस्सा बनी ‘गौरैया’

शिक्षिका श्वेता बताती है कि गौरैया से उनका लगाव इतना बढ़ गया है कि वह अब हमारे परिवार का हिस्सा बन गई है. उन्होंने बर्ड होम ना केवल घर में बना रखा है बल्कि अपने करीबियों और अन्य रिश्तेदारों को भी कई तरह के बर्ड होम उपलब्ध कराए हैं, ताकि पक्षियों का संरक्षण हो सके.