Delhi: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP नेता सत्येंद्र जैन को झटका, SC ने आत्मसमर्पण करने का दिया आदेश

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को बड़ा जटका देते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है। साथ ही अदालत ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आत्मसमर्पण करने को कहा। बता दें जैन, जिन्हें पिछले साल 26 मई को अंतरिम चिकित्सा जमानत दी गई थी, आरोप है कि पूर्व मंत्री फरवरी 2015 से मई 2017 तक अपने पद का दुरुपयोग करके 1.47 करोड़ रूपये की आय से अधिक संपत्ति हासिल करने के आरोप में मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी तीन कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की।

सुप्रीम कोर्ट की ओर न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा, अपीलें खारिज की जाती हैं। याचिकाकर्ता को तत्काल आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है।”पूर्व मंत्री की ओर से पेश वकील विवेक जैन ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की। अदालत ने अनुरोध खारिज कर दिया और अपना आदेश बरकरार रखा।

दरअसल ईडी, इस मामले में ₹4.60 करोड़ की अपराध की कथित आय संलग्न की थी, दावा किया कि सत्येन्द्र जैन अपनी पत्नी पूनम जैन के निर्देशन के माध्यम से तीन कंपनियों को नियंत्रित कर रहे थे। दलील दी गई कि दो अन्य आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन तीनों कंपनियों में प्रमुख शेयरधारक और निदेशक थे।

सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पहले शेयरधारिता, निदेशकत्व और कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर नियंत्रण का हवाला दिया और कहा कि याचिकाकर्ता के पास उन पर नियंत्रण नहीं है।जैन को पिछले साल मई में जेल के बाथरूम में गिरने के बाद मेडिकल जमानत दी गई थी। पिछले साल 21 जुलाई को उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था।