आईआईएम इंदौर ने वैश्विक पक्षी गणना में लिया भाग, 40 से अधिक पक्षियों की प्रजाति को किया सूचीबद्ध

Deepak Meena
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इंदौर : भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर हमेशा से पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित रहा है। इसी के अंतर्गत, रविवार, 18 फरवरी, 2024 को विश्वव्यापी कैंपस बर्ड काउंट 2024 में संस्थान के विद्यार्थी, फैकल्टी और स्टाफ के सदस्य शामिल हुए और कैंपस में उपस्थित पक्षियों को सूचीबद्ध किया। विश्व स्तर पर चार दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन एक दिन के लिए हुआ जिसमें सभी ने 193 एकड़ के हरे-भरे परिसर में रहने वाली 40 से अधिक पक्षी प्रजातियों की पहचान की।

निदेशक प्रो. हिमाँशु राय के नेतृत्व में, संस्थान प्रकृति संरक्षण प्रयासों में लगातार योगदान देता रहा है। प्रो. राय ने कहा, “आईआईएम इंदौर में हम न केवल प्रबंधन शिक्षा प्रदान करने बल्कि एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।“

आईआईएम इंदौर का परिसर अपनी हरियाली और नियोजित भू-दृश्य के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियों का निवास है। बर्ड वॉच के दौरान, एशी प्रिनिया, एशियन कोयल, ब्लैक ड्रोंगो, फैनटेल, टेलर बर्ड, व्हाइट-रंप्ड किंगफिशर, कॉमन क्वेल, कॉपरस्मिथ बारबेट, लाफिंग डव, गोल्डन ओरिओल, ग्रीन बी-ईटर, ग्रेटर कूकल, ग्रे हॉर्नबिल, इंडियन रोलर, इंडियन सिल्वर बिल, लेसर व्हाइटथ्रोट, एशियन पाइड मैना, ओरिएंटल व्हाइट आई, पीफॉवल, पर्पल सनबर्ड, रेड वेंटेड बुलबुल और ओरिएंटल मैगपाई रॉबिन को देखा गया। कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले आईआईएम इंदौर के संकाय प्रो. सिद्धार्थ रस्तोगी ने बताया, “परिसर में राधा-कृष्ण मंदिर, आध्यात्मिक उपवन और आवासीय क्षेत्रों के आसपास पक्षियों की अधिकतम उपस्थिति देखी गई।”

गर्म मौसम में पक्षियों को कोई परेशानी न आए, इसलिए हमने पूरे परिसर में सौ से अधिक फीडर और बाउल भी रखे हैं। इसके अलावा, आईआईएम इंदौर की हरित पहल के प्रति प्रतिबद्धता हाल के वर्षों में शुरू की गई व्यापक परिसर हरित परियोजनाओं में स्पष्ट है। सालाना संस्थान में 2,000 से अधिक पेड़ लगाए जाते हैं। प्रो. हिमाँशु राय ने कहा, “हमने औषधीय और दुर्लभ पौधों सहित 150 से अधिक पेड़ प्रजातियों को लगाया है, जो समृद्ध जैव विविधता में योगदान दे रहे हैं।”

वृक्षारोपण अभियान के अलावा, परिसर में हमारा जैविक उद्यान हर साल 10-12 टन फलों और सब्जियों की भरपूर फसल उत्पन्न करता है, जिसे संस्थान के सदस्यों में ही वितरित कर दिया जाता है। आईआईएम इंदौर का सामाजिक रूप से जागरूक दृष्टिकोण वनस्पतियों से परे फैला हुआ है। परिसर में एक श्वान आश्रय भी है, जिसमें 30 से अधिक श्वानों की देखभाल की जाती है। यहाँ मौजूद श्वानों को एडॉप्शन के लिए भी दिया जाता है और इस समय यहाँ 7 नन्हें श्वान उपलब्ध हैं।

आईआईएम इंदौर ने वर्षा जल संचयन और सौर प्रौद्योगिकी को भी अपनाया है। हाल ही में संस्थान में सौर वृक्ष का भी उद्घाटन किया गया, जो नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, संस्थान ने ई-वाहनों को शामिल किया है, जिससे कैंपस में पारंपरिक पेट्रोल-चालित परिवहन विधियों पर निर्भरता काफी कम हो गई है। इसके अलावा, पूरे परिसर में AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) मॉनिटर स्थापित किए गए हैं, जो दर्शाता है कि परिसर के अंदर हवा की गुणवत्ता बाहर और आसपास के शहर की तुलना में कई गुना साफ है।

पिछले वर्षों में आईआईएम इंदौर में 70 से अधिक पक्षी प्रजातियों, आठ साँप प्रजातियों, 12 तितली प्रजातियों और कई कीड़े, मकड़ियों, पतंगों और चमगादड़ों की उपस्थिति का दस्तावेजीकरण किया गया है। आईआईएम इंदौर शैक्षणिक उत्कृष्टता में अग्रणी बना हुआ है और साथ ही एक ऐसा परिसर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है जो न केवल भविष्य के बिज़नेस लीडर्स का निर्माण करता है बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से जागरूक बनाते हुए एक हरित और स्वस्थ ग्रह में भी योगदान देने के लिए भी प्रेरित करता है।