मुंबई : धातु और खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपने बॉण्डधारकों को 779 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान किया है और ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत पुनर्भुगतान पूरा कर लिया है। वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (वीआरएल) ने एक बयान में कहा, बॉण्डधारकों को अग्रिम भुगतान बुधवार को किया गया।
बयान में कहा गया है कि वीआरएल ने 7 फरवरी, 2024 को अपने बॉण्डधारकों को पुनर्भुगतान पूरा कर लिया, जो उस वर्ष की शुरुआत में प्राप्त सहमति के अनुरूप था, जिसमें बांड में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परिपक्वता अवधि को सफलतापूर्वक 2029 तक बढ़ा दिया गया था।
वेदांता रिसोर्सेज ने बॉण्डधारकों को बांड के एक हिस्से को भुनाने और उनकी परिपक्वता अवधि बढ़ाने के लिए 779 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नकद अग्रिम भुगतान सफलतापूर्वक किया है। इसने उन बॉण्डधारकों को 68 मिलियन अमेरिकी डालर की सहमति शुल्क का भी भुगतान किया है, जो पुनर्गठन के लिए सहमत हुए थे, कंपनी ने पूर्व में कहा था।
जनवरी में वेदांता को अपने भारी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए बॉण्ड की चार सीरीज के पुनर्गठन के लिए बॉण्डधारकों से सहमति प्राप्त हुई। बॉण्ड की इन सीरीज में प्रत्येक 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के दो बॉण्ड शामिल हैं, जिनकी मैच्योरिटी 2024 में ड्यू थी। साथ ही, इनमें 2025 में 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एक बॉण्ड और 2026 में 600 मिलियन अमेरिकी डालर का एक बॉण्ड शामिल था।
दिसंबर में वीआरएल ने 2024 और 2025 में मैच्योर होने वाले 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण के हिस्से को पुनर्वित्त/चुकाने के लिए निजी क्रेडिट उधारदाताओं से 1.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्राप्त किया था। वेदांता समूह ने पिछले साल सितंबर में एक महत्वपूर्ण डीमर्जर और पुनर्गठन योजना की घोषणा की थी। बयान में कहा गया है कि इस कदम के बाद वेदांता समूह 17 प्रमुख व्यवसायों में पुनर्गठित हो जाएगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रत्येक व्यवसाय में विश्व स्तरीय लीडरशिप मैनेजमेंट है, नवीनतम अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी को नियोजित किया गया है और कोर प्रपोजीशन के तौर पर आयात प्रतिस्थापन और घरेलू मांग की पूर्ति को रखा गया है। वे संस्थागत और रिटेल निवेशकों को समान रूप से उच्च गुणवत्ता और विविध निवेश के अवसर भी प्रदान करते हैं।’’
वेदांता के पास भारतीय और वैश्विक कंपनियों के बीच एसेट्स का एक यूनिक पोर्टफोलियो है। इसमें जिंक, सिल्वर, लेड, एल्यूमीनियम, क्रोमियम, कॉपर, निकल और तेल और गैस जैसी धातु और खनिजों के साथ आयरन ओर और स्टील भी शामिल है। साथ ही, इसमें बिजली, जिसमें कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा भी शामिल है; और अब सेमीकंडक्टर भी इसमें है। समूह अब डिस्प्ले ग्लास के निर्माण में भी कदम रख रहा है।