उत्तर प्रदेश से एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां 10 साल से फ्रीज में रखे गुरू के लिए शिष्या ने समाधि ले लिया है. वही इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका डाली है. इतना ही नही यूपी के डिप्टी सीएम ने डॉक्टरों की विशेष टीम गुरू मां की जांच के लिया आश्रम भेजा है.
मामला लखनऊ स्थित जानकीपुरम सीतापुर रोड पर आनंद आश्रम है.जहां दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को लेकर सेवादारों द्वारा दावा किया जा रहा है, कि वे पिछले 10 साल से समाधि में हैं. उनके बाद 28 जनवरी को गुरु मां आशुतोषांबरी ने समाधि ली थी. वहीं सेवा दारों का कहना है कि गुरु मां ने आशुतोष महाराज को समाधि से वापस लाने के लिए खुद समाधि ली है.
वहीं मामला सामने आया तो डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टरों की टीम गठित कर साध्वी का मेडिकल चेकअप करने के लिए आश्रम भेजा है. साध्वी के पूरी शरीर की जांच की. डॉक्टर्स ने पाया साध्वी आशुतोषाम्वरी की पल्स नहीं चल रही है, न ही सांस चल रही है. बॉडी का कोई अंग भी काम नहीं कर रहा है. लेकिन जब उनकी ईसीजी की गई तो रिपोर्ट में हलचल दिखी.
आश्रम के सेवादारों की माने तो गुरु मां आशुतोषांबरी ने सभी शिष्यों को बताकर बीती 28 जनवरी को सभी के सामने समाधि ली, ताकि वे गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से जगाकर वापस भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करा सकें. उनका मानना है कि आशुतोषांबरी को ध्यान अवस्था में आशुतोष महाराज का संदेश मिला था, जिसमें उन्होंने उनसे कहा था कि उनकी शिष्या आशुतोषांबरी उन्हें समाधि में आकर जगाएं.
आपको बता दें आशुतोष महाराज 29 जनवरी 2014 को समाधि में चले गए थे. उनके अनुयायी मानते हैं कि वे जीवित हैं और समाधि में हैं. 1 दिसंबर 2014 को उनके शरीर को फ्रीजर में रखा गया है. 31 जनवरी 2015 को डॉक्टर्स की टीम ने उन्हें क्लीनिकली डेड घोषित किया. लेकिन उनके अनुयायी इसे नहीं माने. उनका शव आज भी नूरमहल में सुरक्षित है.