जाने कब से शुरू हो रहा हिन्दू नववर्ष, इस साल बन रहा है बेहद विचित्र योग

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By Ayushi JainPublished On: April 11, 2021

हिन्दू नववर्ष को गुड़ी पड़वा के रूप में जाना जाता है। महाराष्ट्र में इस त्यौहार का काफी ज्यादा महत्व माना गया है। गुड़ी पड़वा चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि के शुरुआत के साथ ही प्रारंभ हो जाता है। इस दिन लोग तरह तरह के पकवान बना कर पूजा अर्चना करते है उसके बाद ही भोजन ग्रहण करते है। कहा जाता है कि चैत्र माह से ही नव-संवत्सर यानी कि हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। हिन्दू नववर्ष पर लोग एक दूसरे को बधाइयां देते हैं और खुशियां मनाते हैं। इस दिन को अलग-अलग नामों से भी पुकारा जाता है।


इन सब के अलावा ज्योतिषों का मानना है कि इस बार नव-संवत्सर में एक बेहद विचित्र योग बन रहा है जोकि हानिकारक परिणाम ला सकता है। बता दे, इस समय नव-संवत्सर 2077 चल रहा है, इसका नाम प्रमादी है। पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है। जिसके अनुसार, नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था। लेकिन इस बार ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम ‘राक्षस’ होगा।

जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र और मध्य भारत में इस दिन को गुड़ी पड़वा पर्व के रूप में मनाए जानें का विधान है, तो वहीं दक्षिण भारत में इस मौके पर उगादि पर्व का जोश देखने को मिलता है। दरअसल, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन ही सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना की थी। इसलिए हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात प्रथम तिथि के साथ ही, हिन्दू नव वर्ष का प्रारंभ भी होता है और इसी दिन से नया संवत्सर लागू होता है। वर्ष 2021 में दिनांक 13 अप्रैल, मंगलवार से नव संवत्सर 2078 आरंभ होगा।