इंदौर के अवनीश को मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, आज पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात, 7 साल की उम्र में की एवरेस्ट की चढ़ाई

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इंदौर के अवनीश तिवारी जिन्होंने मात्र 9 वर्ष की उम्र में एवरेस्ट की चढ़ाई की है। अवनीश डाउन सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित है। अवनीश इस पीड़ा को भूल अपनी 9 वर्ष की छोटी सी उम्र में बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। आज अवनीश तिवारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। कल यानी सोमवार शाम दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा अवनीश को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया।

अवनीश को अपने शुरूआती दौर से ही डाउन सिंड्रोम है। यह एक बायोलॉजिकल सिंड्रोम यानी जेनेटिक क्रोमोसोम डिसऑर्डर है जो माता-पिता से उनके बच्चों में भी आ जाता है। जिसकी वजह से उन्हें 1 साल की उम्र में ही अनाथाश्रम में छोड़ दिया था। इसके साथ ही जन्म से ही अवनीश के दिल में छेद है और घुटने भी ठीक नहीं है। वे अनेकों तरह की शारीरिक समस्याओं से भी जूझ रहे थे।

उसी वक़्त शहर के आदित्य तिवारी ने उन्हें अपनाना चाहा, मगर देश का कानून और नियम ने इस राह को मुश्किल बना दिया। क्यूंकि वे अविवाहित थे और उम्र भी कम थी। मगर आदित्य ने हार नहीं मानी और लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अवनीश को गोद ले लिया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवनीश का दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। इससे पहले उन्हें सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है।

कई तरह की शारीरिक समस्याओं के बावजूद की अवनीश ने कभी हार नहीं मानी और आज वह सबके लिए एक हीरो साबित हो रहें है। उनके नाम चार वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हैं। अवनीश को देश-दुनिया से 30 से ज्यादा एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुके है। साल 2023 में उन्हें चाइल्ड आइकॉन अवार्ड और डाउन सिंड्रोम एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा जा चूका है। वे पुरे विश्व में अभी तक एक हजार से ज्यादा सेमिनार, वेबिनार को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर 600 मीटर की ट्रैकिंग कर एक रिकॉर्ड और अपने नाम दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही अवनीश ने इंदौर चिड़ियाघर में एक टाइगर को भी अपनी गोद में ले रखा है।