अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कुछ घंटों का समय बचा है।भगवान राम के स्थापना को लेकर 16 जनवरी से पुजा प्रकृया प्रारंभ हो चुकी है । इसी क्रम में जहां शुक्रवार रात्रि को गर्भगृह में मूर्ति को विराजित किया गया वहीं रविवार को 114 कलशों के जल से भगवान राम की मूर्ति को स्नान कराया जाएगा । इसके साथ रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई कार्यक्रमों और अनुष्ठानों का आयोजन होना है। इसको लेकर तैयारियां भी जोरों से की जा रही है।
इन कार्यक्रमों का आज होगा आयोजन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने के अनुसार रविवार को यानि आज स्थापित देवताओं का दैनिक पूजन- हवन,पारायण,आदि कार्य निम्न अनुसार हैं । सर्वप्रथम मूर्ति का 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से स्नपन और महापूजा होगा । उसके पश्चात उत्सवमूर्ति की प्रासाद परिक्रमा, शय्याधिवास, तत्लन्यास,महान्यास आदिन्यास,शान्तिक.पौष्टिक अघोर होम, व्याहति होम, रात्रि जागरण,सायं पूजन एवं आरती होगी।
अनुष्ठानों के पांचवें दिन चीनी व फलों से पूजा हुई
शनिवार की बात करें तों मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले चीनी और फलों के साथ दैनिक प्रार्थना और हवन किया गया. साथ ही चीनी व फलों से अनुष्ठान भी हुआ. मंदिर के प्रांगण में 81 कलश स्थापित कर पूजन किया गया. संध्या पूजा व आरती भी हुई.”
शुक्रवार वाले दिन की बात करें तो मैसूरु के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई श्री राम लल्ला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था.मूर्ति की पहली तस्वीर गर्भगृह में स्थापना समारोह के दौरान सामने आई थी. जिसमें मूर्ति को घूघट से ढ़क रखा था । क्योंकि उन्हें ‘प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रकट नहीं किया जा सकता है.’
मंदिर के मुख्य पुजारी खुली आंख वाली से नाराज
हालांकि, खुली आंखों वाली मूर्ति की कई कथित तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गईं. मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास नाखुस नजर आये और कहा कि ‘हमारी मान्यताओं के अनुसार, ‘प्राण प्रतिष्ठा’के पूरा होने से पहले मूर्ति की आंखें प्रकट नहीं की जा सकतीं। साथ तस्वीरों को लीक करनें वालों पर जांच की मांग कर दी है।