11 हजार रामभक्तों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ, CM बोले-अखंड भारत फिर बनेगा

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By Deepak MeenaPublished On: January 20, 2024

भोपाल : 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसको लेकर देशभर में उत्सव है। इतना ही नहीं देश के अलग-अलग कोने में अभी से ही राम भक्त देखी जा रही है सड़के पूरी तरह से भगवान रंग में रंग गई है हर घर के छत पर भगवान श्री राम का ध्वज दिखाई दे रहा है।

बता दें कि, सरकार भी लगातार लोगों से 22 जनवरी को खास बनाने को लेकर लगातार अपील कर रही है इतना ही नहीं स्कूलों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है। इसी कड़ी में शनिवार को 11 हजार रामभक्तों ने भोपाल के संत हिरदाराम नगर में हेमू कालानी स्टेडियम में हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 22 जनवरी को इतिहास बन जाएगा। रामराज्य के प्राकट्य का पहला चरण है। अखंड भारत फिर बनेगा। अफगानिस्तान तक अखंड भारत होगा। राम मंदिर निर्माण इसका पहला चरण है। हमारा समय खराब है तो आक्रांताओं ने छिन्न भिन्न किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आराध्य का मंदिर दुश्मनों की आंखों में खटकता था। वह समय खराब था, जब आततायियों ने हमारे हाथ से वो छीना। अब फिर से अखण्ड भारत बनेगा।

उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि – वर्षों के संघर्ष के बाद यह शुभ घड़ी आई है जब हम अपने रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान होते देख रहे हैं। इस घड़ी में ऐसा भव्य आयोजन कराकर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रामभक्तों की आस्था को और प्रबल किया है। जिस तरह उत्तर प्रदेश में योगी जी और असम में हेमंत विस्वा सरमा हिन्दुओं की प्रखर आवाज हैं, उसी तरह मध्यप्रदेश में भाई रामेश्वर शर्मा हिन्दुओं की प्रखर आवाज है। उनका हर आयोजन भव्य और अनोखा होता है। इस सफल आयोजन के लिए उन्हें बधाई।

हुजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि न नेहरू मंदिर बनवा पाए। न इंदिरा मंदिर बनवा पाई। मंदिर किसी ने बनवाया है तो वह मोदी है।

विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि संत नगर वो भूमि है जिसने धर्म के लिए सर्वस्व त्याग का पाठ सिखाया है। जब 1947 में देश विभाजन हुआ और सिंधी भाईयों से धर्मपरिवर्तन की शर्त रखी तो उन्होंने संपत्ति, घर, द्वार सब छोड़ दिया लेकिन अपना धर्म नहीं छोड़ा। उनकी धर्मनिष्ठा हम सबके लिए प्रेरणा है। इसलिए आज इस आयोजन के लिए संत हिरदाराम नगर की पुण्यभूमि को चुना। धर्मभूमि पर राम काज कर के स्वयं को धन्य पाता हूँ।