टेस्ट ट्यूब बेबी से डिलीवरी करने वाली महिला जज की मौत, प्रसव के बाद बिगड़ी थी तबीयत

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By Deepak MeenaPublished On: January 19, 2024

खरगोन : मेडिकल साइंस ने इतनी ज्यादा तरक्की कर ली है कि संतान प्राप्ति के लिए आज महिलाओं के पास कई तरह के ऑप्शन मौजूद है, लेकिन कई बार ये ऑप्शन इतने ज्यादा रिस्की हो जाते हैं कि कई बार महिलाओं को अपनी जान तक जवानी पड़ जाती है।

हाल ही में एक ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के खरगोन से सामने आया है। बता दें कि, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पदमा राजौरी तिवारी की डिलीवरी के बाद इंदौर के अस्पताल में मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार मजिस्ट्रेट पदमा राजौरी तिवारी ने टेस्ट ट्यूब बेबी के माध्यम से बच्चों को जन्म दिया था।

बता दें कि, डिलीवरी होने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, इसके बाद उन्हें चार दिन तक वेंटिलेटर पर रखा था, लेकिन गुरुवार को उनकी मौत हो गई। मजिस्ट्रेट पदमा राजौरी तिवारी की उम्र 50 साल थी और वह मध्य प्रदेश के खरगोन में पदस्थिति बताया जा रहा है कि वह इंदौर की रहने वाली थी।

इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए परिजन ने बताया कि पदमा तिवारी तीन साल से खरगोन में पदस्थ थीं। खरगोन में ही उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। 8 जनवरी को उन्होंने मेडिकल अवकाश ले लिया था। उन्होंने खरगोन में ही शुरू में दो दिन निजी अस्पताल में इलाज कराया। वहां उनकी तबियत ठीक नहीं थी। इसके बाद उन्हें वहां से इंदौर रेफर कर दिया गया। इंदौर में उन्होंने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती गई।

डाक्टरों ने बताया कि उन्हें पीलिया हो गया था जिस वजह से वे रिकवर नहीं कर पाईं। उन्हें चार दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मृत्यु से परिवार के सभी सदस्य सदमे में हैं।