भोपाल : मध्यप्रदेश में लगभग एक महीने कई जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया जा रहा है, यह पहला अवसर नहीं है जब कोरोनाकाल में नाइट कर्फ्यू का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन लोगों के जेहन में हमेशा ही एक सवाल उठता रहता है कि रात में कर्फ्यू लगाने का क्या मतलब निकलता है? रात को लगाए जाने वाले कर्फ्यू से बहुत हद तक इस वक्त कोरोना जैसी गंभीर खतरनाक बीमारी से एक बहुत बड़ी आबादी को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।
कुछ ऐसे कार्य जो नाइट कर्फ्यू के लिए आवश्यक है जिनसे कारगर मदद मिलती है और इसे इस तरह समझा जा सकता है
देश के सभी बड़े शहरों से लेकर के प्रदेश की राजधानी और छोटे जिलों तक में नाइट लाइफ बहुत ज्यादा चलन में है। बड़े होटल और पब, बार आदि जगहों पर देर रात तक लोग नाइट लाइफ का लुत्फ उठाते हैं। इस दौरान देश भर में करोड़ों की तादाद में जिलों से लेकर शहर और राजधानी से लेकर मेट्रो सिटीज में रात को भीड़ इकट्ठा होती है। जिन जगहों पर नाइट कर्फ्यू लगाया जाता है, वहां पर यह सारे कार्यक्रम और आयोजन रद्द हो जाते हैं।
देश की राजधानी से लेकर हर राज्य की राजधानी और उनके जिलों से लेकर शहर तहसील और कस्बों में ही बहुत सारे ऐसे ठिकाने होते हैं जहां पर पूरी रात माहौल होता है. ऐसी जगहों पर पूरे देश में करोड़ों लोग अलग-अलग जगहों पर एकत्र होते हैं और कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के दौरान ये संक्रमण का शिकार भी हो सकते हैं और लोगों को संक्रमित भी कर सकते हैं.
देश की आबादी का एक तबका ऐसा भी है जो रात को जागता है तमाम तरह की व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होकर भीड़भाड़ को इकट्ठा करता है. नाइट कर्फ्यू में इस तरीके की सभी गतिविधियां पूरी तरीके से बंद हो जाती हैं। पुलिस से लेकर प्रशासन और अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस पर नजर बनाये रखते हैं और सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को ही अनुमति मिलती है, इस तरह नाइट कर्फ्यू के कॉन्सेप्ट से किसी भी घटना या किसी गंभीर बीमारी को रोका जा सकता है.