नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जो की 247 दिनों से जेल में बंद है। अब उनकी जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आपको जानकारी दे दें की सिसोदिया पर दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप है, जिसके बारे में उनपर सवाल उठे थे। जिसके बाद उन्हें 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
जमानत याचिका खारिज की गई:
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले के संबंध में कई महत्वपूर्ण सवाल उठे हुए हैं, और उनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। इसमें 338 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका पर संदेह किया जा रहा है। इसके बाद, याचिका खारिज कर दी गई है।
जल्द होगा ट्रायल:
कोर्ट ने जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया कि इस मामले का ट्रायल 6 से 8 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। अगर ट्रायल में देर होती है तो मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए 3 महीने के अंदर दोबारा अपील करने का हक होगा। मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था जब उन पर दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे। उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है और यह बड़ी हाई-प्रोफाइल सजा का मामला है।
हाईकोर्ट की याचिका खारिज:
मनीष सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था। 30 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI केस में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि सिसोदिया के उपमुख्यमंत्री होने के नाते वे एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इस घटना के साथ, मनीष सिसोदिया के मामले में चल रहे कई महत्वपूर्ण वक्तव्य हुए हैं और उनका आगामी ट्रायल महत्वपूर्ण हो सकता है।