मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के प्रति उत्सुकता बढ़ रही है, और चुनावी प्रक्रिया के दौरान राजनैतिक आपसी आरोप-प्रत्यारोप भी गरमागरम हो रहे हैं। इसी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा है कि उनके ‘कमल’ चुनाव चिन्ह पर सवाल उठा जा रहा है। कमलनाथ ने अधिकारियों को धमकी देने के आरोप में कहा कि चुनाव प्रक्रिया के बीच में अधिकारियों को डराना और धमकाना लोकतंत्र की हत्या के बराबर है।
लोकतंत्र की रक्षा की आवाज
कमलनाथ ने सभी अधिकारी कर्मचारियों को कहा कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं हैं और उन्हें संविधानिक दृष्टि से सही काम करना चाहिए। कमलनाथ ने आगे कहा कि अधिकारी कर्मचारियों को चाहिए कि वे पार्टी द्वारा निर्धारित नहीं किए गए कामों को अपने राज्य शासन के काम के रूप में न करें, और उन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की महत्वपूर्ण भूमिका दी। कमलनाथ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
चुनाव प्रक्रिया की महत्वपूर्ण तारीखें
चुनाव आयोग के अनुसार, नामांकन फार्म भरने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है, और नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 31 अक्टूबर को होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 नवंबर है, और मतगणना 3 दिसंबर को होगी।
कमलनाथ ने सामाजिक मीडिया के माध्यम से यह संदेश दिया कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए सभी कर्मचारी और अधिकारी मिलकर काम करें और संविधानिक मूल्यों का समर्थन करें।