कार्यक्रम तो था दशहरा मिलन का, मगर मकसद था भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर का प्रबल विरोध। महू की गौशाला परिसर में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता उनके विरोध में इकट्ठा हुए। नेतृत्व किया भाजपा के वरिष्ठ नेता राधेश्याम यादव, अशोक सोमानी, रामकरण भामर, शेखर बुंदेला आदि ने।
महू विधानसभा में इस बार रोचक परिस्थितियां पैदा हो रहीं हैं। कॉंग्रेस में तो टिकिट को लेकर असंतोष झलक ही रहा है और पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार ने 27 अक्टूबर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने का एलान करके कांग्रेस खेमे की नींद उड़ा रखी है। यहाँ पर भाजपा से कॉंग्रेस में शामिल हुए रामकिशोर शुक्ल को टिकिट दिया गया है।
वहीँ आज भाजपा में भी कोहराम मचा है। उषा ठाकुर को दोबारा टिकिट दिए जाने के खिलाफ सैकड़ों कार्यकर्त्ता गोशाला महू में इकट्ठा हुए। मंच से नेताओं ने उषा ठाकुर के कार्यकाल को पूरी तरह बोगस बताते हुए भाजपा हाईकमान से तत्काल टिकट बदलने की मांग करते हुए स्थानीय प्रत्याशी को टिकिट देने की मांग की। इस सभा को संबोधित किया राधेश्याम यादव, अशोक सोमानी, शेखर बुंदेला, रामकरण भामर और कुछ आदिवासी सरपंचों ने।
यादव ने कहा की जिस उषा ठाकुर ने मुझ जैसे नेता को महू की समस्याओं और पार्टी हित में बात करने का समय बीते पांच साल में नहीं दिया, उसके लिए मेरे पास कैसे समय हो सकता है? अन्य नेताओं ने भी जमकर भड़ास निकाली। पूरे समय उषा ठाकुर के कार्यकाल में कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ किए गए भेदभाव, प्रताड़ना आदि का जिक्र किया गया। बीच बीच में भी लोगों ने टिप्पणी करके ठाकुर के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। महू में भाजपा के खिलाफ ये पहला अवसर है जब खिलाफत का बिगुल जोरदार तरीके से हुआ है। नेताओं ने भाषणों की आड़ में 30 अक्टूबर से पहले टिकिट बदलने का अल्टीमेटम भी दे डाला। कार्यक्रम में कई भाजपा के नेता, असंख्य कार्यकर्ता, मुस्लिम कार्यकर्त्ता, महिला कार्यकर्त्ता इकट्ठा हुए।