नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि तेजी से बदलते हुए भू-राजनीतिक माहौल में हमें प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार रहने की जरूरत है। इसके साथ ही, उन्होंने सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है, और बताया कि भारत की सुरक्षा चिंताएं केवल क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षण से परे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, ऊर्जा, और साइबर सुरक्षा जैसे अन्य आयामों को शामिल किया जाना चाहिए।
वैश्विक रक्षा माहौल की चुनौतियाँ:
राष्ट्रपति ने भू-राजनीतिक माहौल में बदलते हुए चुनौतियों के बारे में भी बात की, और कहा कि वैश्विक रक्षा माहौल गतिशील है और कई चुनौतियाँ पेश कर रहा है।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल:
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि यह आवश्यक है कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाए और व्यापक अनुसंधान पर आधारित ज्ञान का इस्तेमाल किया जाए। वह इसके साथ ही बताया कि सरकारी एजेंसियों और कॉर्पोरेट क्षेत्र को इन चुनौतियों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
सुरक्षा और रक्षा का महत्व:
राष्ट्रपति ने बताया कि सिविल सेवा और रक्षा सेवा दोनों के अधिकारियों को देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में संविधानिक ढांचे के बारीक बिंदुओं को समझने की आवश्यकता है। वे इसे तालमेल बढ़ावने के रूप में भी देखते हैं जो विभिन्न सेवाओं के कार्यकर्ताओं के बीच में बढ़ावा देगा।