प्रदेश में सितंबर से मानसून के आगाज के बाद से अभी बीते दिनों वर्षा का थोड़े थोड़े अंतराल में बरसना जारी था। जिसके बाद मौसम विभाग द्वारा बताया जा रहा हैं कि अभी वर्षा का एक और धुआंधार चरण देखने को मिलेगा। वहीं बादलों के जमकर गरजने का सिलसिला भी अभी जारी रहने वाला हैं। अब मौसम कार्यालय ने अक्टूबर महीने की स्टार्टिंग में भी प्रदेश में वर्षा की संभावना जताई है। बंगाल की खाड़ी में बन रही नई मौसम प्रणाली के दौरान सितंबर माह के आखिरी दिनों में प्रदेश के कई जिलों में तूफानी वर्षा बारिश का चरण देखने को मिल सकता है।
दरअसल सोमवार को भी प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई, लेकिन इसी के साथ उमस और ग्रीष्म ने भी लोगों को काफी ज्यादा समस्या में डाल दिया। राजधानी भोपाल और इंदौर सहित प्रदेश के कई जिलों में वृष्टि का सिलसिला देखने को मिला हैं। वहीं मौसम विशेषज्ञों के जारी अनुमान की मानें तो आगामी 15 दिनों में प्रदेश से वर्षाऋतु पूरी तरह से विदाई लेकर चला जाएगा। लेकिन उससे पूर्व तूफानी वृष्टि का काफिला अभी लगातार प्रदेश में साफ साफ देखा जा सकता है।
सोमवार को भी मध्यप्रदेश के कई जिलों में रेनफॉल का भयावह दृश्य देखने को मिला। जबकि अधिकांश जिलों में तेज धूप खिली रही। पूर्वी मध्यप्रदेश में भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। जबकि पश्चिमी मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों में मौसम स्पष्ट बना रह सकता है। हालांकि अब तक प्रदेश में होने वाली सामान्य बारिश का कोटा भी तकरीबन पूरा हो चुका है, लेकिन आगामी कुछ दिनों में पुनः मामूली वर्षा देखने को मिल सकती हैं।
भोपाल-इंदौर सहित अन्य स्थानों पर हुई जमकर बारिश
दरअसल बीते 24 घंटों में प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर सहित कई जिलों में तेज वर्षा नोटिस की गई। सर्वाधिक वर्षा धार जिले में रिकॉर्ड की गई। धार में 33 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जबकि गुना में 11 मिमी. नौगांव में 7 मिमी, भोपाल में 3 मिमी और इंदौर में 0.4 मिमी बारिश हुई। वहीं मौसम कार्यालय के अनुरूप, 28 सितंबर से प्रदेश में एक बार फिर से नई मौसम प्रणाली एक्टिव होने से भारी वर्षा का सिलसिला देखने को मिल सकता है।
कई जिलों में वर्षा की संभावना
मौसम कार्यालय ने मंगलवार को प्रदेश के कई जिलों में वर्षा की प्रबल संभावना जताई है। उज्जैन, देवास, मंदसौर, बालाघाट, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन जिलों में सामान्य से भारी वर्षा के संकेत जताए है। वहीं भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, ग्वालियर संभाग के साथ ही सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, सागर अलीराजपुर, धार और श्योपुर जिलों में गरज-चमक और वज्रपात जैसे कई सारे भयभीत कर देने वाले आसार उत्पन्न हो सकते है।
अक्टूबर के महीने में भी बरकरार रहेगा मानसून
मौसम स्पेशलिस्ट के मुताबिक अक्टूबर महीने के आगाज में भी वर्षा की हलचल निरंतर बरकरार रहेंगी। हालांकि मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले 15 दिनों में प्रदेश से वर्षा ऋतु पूरी तरह से अपनी वापसी कर जाएगा। लेकिन उससे पूर्व भयंकर बारिश का फेज पूरे प्रदेशभर में फिर से देखने को मिल सकता हैं। अगस्त का महीना पूरा बिन बरसे गुजरने के बाद सितंबर में तेज वर्षा देखने को मिली है, जिसने अगस्त महीने के सूखेपन का कोटा पूरा कर दिया है।