PM KISAN: 15वीं किस्त मिलने से पहले करें ये काम, वरना अटक सकती हैं अगली किस्त की राशि, इस दिन खाते में आएंगे 2000 रुपए

ShivaniLilahare
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PM Kisan 15 Installment Update : पीएम किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक है। इसे लेकर एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। अगर आपने अभी तक ईकेवायसी और अपने बैंक खाते से आधार कार्ड लिंक नहीं किया है तो ये काम जल्द कर लें वरना आप भी अगली किस्त का लाभ से वंचित रह जाएंगे। ई-केवाईसी के लिए लाभार्थी किसान योजना के पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाकर या अपने नजदीकी सेंटर से कर सकते है।

यदि आपको नाम सूची में चेक करना हो तो इस वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर देख सकते है की आपका नाम सूची में है या नहीं। पीएम किसान योजना केंद्र सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक है, जिसके तहत पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं।

यह पैसा हर 4 महीनों में 2000-2000 रुपये के तौर पर 3 बराबर किस्तों में लाभार्थियों के खाते में डीबीटी के द्वारा भेजा जाता है। अब तक योजना की 14 किस्तें किसानों के खाते में भेजी जा चुकी है और अब 15वीं किस्त भेजी जानी बाकी हैं। अनुमान है कि जल्द ही किसानों के खाते में किस्त का पैसा भेज दिया जाएगा। हालांकि अगली किस्त को लेकर कोई अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।

15वीं किस्त से पहले पूरे करें ये काम

अगर आप इस योजना के लाभार्थी हैं और आपने अभी तक अपने जमीन के दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड नहीं किए हैं, तो आप जल्दी से काम करवा लें वरना आपको इस योजना के पैसे नहीं मिलेंगे।

पीएम किसान योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को ई-केवीईसी करवाना अनिवार्य है, ऐसा ना करने पर आप किस्त के लाभ से वंचित रह सकते हैं। इसलिए योजना के पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाकर, अपने नजदीकी सीएससी सेंटर जाकर या बैंक से ई-केवाईसी करवाएं।

पीएम किसान योजना से जुड़े लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड को अपने बैंक खाते से लिंक करवाना अनिवार्य हैं। अगर जो किसान ऐसा नहीं करते हैं, वो किस्त के लाभ से वंचित रह सकते हैं।

कम हो सकती है लाभार्थियों की संख्या

खबर मिली है कि अगली किस्त को लेकर सरकार ने लाभार्थियों की सूची भी बनाकर तैयार कर ली है, जिसमें इस बार भी नियमों का पालन नहीं करने वाले लगभग ढाई करोड़ किसानों को सूची में शामिल नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि अगली किस्त के में लाभार्थियों की संख्या में भारी मात्रा कमी आ सकती है।