नई दिल्ली, मंगलवार: संसद का नया भवन उपलब्ध हो गया है, जिससे संसद के सदस्यों के लिए नए और उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध हो रही हैं। इस नए भवन के अद्वितीय विशेषताओं का इस्तेमाल करने के लिए संसद के सदस्यों को अब उनके चेहरे ही पहचान पत्र के रूप में उपयोग करना होगा।
संसद के नए भवन का उद्घाटन
नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के तहत सुबह 11 बजे एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम होगा, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संबोधित करेंगे। इसके साथ ही, झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी भी अपने विचारों को साझा करेंगी।
नए संसद भवन का ब्रॉडकास्टिंग और पेपरलेस प्रणाली
नये संसद भवन का सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से हाईटेक है और सभी सदस्यों के लिए यहां उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। सदस्यों को इस नए भवन में प्रवेश के लिए उनके चेहरे की पहचान पत्र की आवश्यकता होगी, जो बायोमैट्रिक आधारित स्मार्ट कार्ड के रूप में जारी किया गया है।
संसद में पेपरलेस प्रणाली का शुभारंभ हो चुका है, जिसमें नए संसद भवन में सभी सदस्यों की टेबल पर टेबलेट कंप्यूटर होगा, जिसमें हर मंत्री और सांसद के लिए उनसे जुड़ा हर दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध है। यह दस्तावेज सदस्यों की पसंद की भाषा में भी उपलब्ध होगा, और यह सुविधा संविधान की सूची में उपलब्ध सभी 22 भाषाओं के लिए है।
मंत्री रियल टाइम में सूचना प्राप्त कर सकेंगे
नये संसद भवन में एक और अद्वितीय तकनीकी विशेषता है कि मंत्री अब अपने मंत्रालय के सचिव से रियल टाइम में सूचना प्राप्त करके संसद में पेश कर सकेंगे। इसके अलावा, सदस्यों की उपस्थिति और वोटिंग टेबलेट के माध्यम से होगी, जिससे मैनुअल काउंटिंग की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
संसद के नए भवन का इस्तेमाल अब एक नई दिशा में होगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि संसद के कार्य को और भी सुगम और प्रभावी बनाया जा सके।*