18 से 22 सितंबर के बीच केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में अपने भाषण को आरंभ कर सकते हैं, जबकि 75 सालों की राज्यसभा में चर्चा होगी। इस विशेष सत्र के दौरान पांच बैठकें भी आयोजित की जाएंगी, जिसमें 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र शामिल होगा। इस दौरान चार बिल भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
इससे पहले 17 सितंबर को एक खास सत्र के आगाज में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में तिरंगा फहराया। सत्र की शुरुआत से पहले सभी पार्टियों के नेता ने एक ऑल पार्टी मीटिंग की, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। विपक्ष ने सरकार से 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है, जिनके बारे में सत्र में सवाल-जवाब होगा।
बिलों की स्थिति:
‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, शर्तें और पद अवधि) बिल, 2023: इस बिल में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को रेगुलेट करने के प्रावधान हैं, और यह चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक पैनल का प्रस्ताव करता है।’
‘एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2023: इस बिल के जरिए 64 साल पुराने अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन किया जाएगा।’
‘प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल्स बिल 2023: इस बिल के जरिए प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 को निरस्त किया जाएगा।’
‘पोस्ट ऑफिस बिल, 2023: इस बिल के जरिए पोस्ट ऑफिस के काम को और आसान बनाया जाएगा और पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों को अतिरिक्त पॉवर देने का काम किया जाएगा।’
इन चार बिलों के माध्यम से संसद अपने महत्वपूर्ण कार्यों की ओर बढ़ रही है, और विपक्ष भी अपने पक्ष को प्रस्तुत करने का मौका पा रहा है।