Employees, Employees Minimum Pay Scale : कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए विभाग के हजारों कर्मचारियों को एक बेहद आवश्यक मुनाफा मुहैया कराया जाएगा। वहीं हाई कोर्ट में एडिशनल जनरल एडवोकेट द्वारा कर्मचारियों के लाभ को मद्देनजर रखते हुए एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा कार्य कर रहे सामयिक वर्कर्स को 18 हजार रुपए प्रत्येक माह पे स्केल के तौर पर दिया जाएगा।
वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट में एडिशनल जनरल एडवोकेट ने पेशी करते हुए कहा कि UP शासन ने प्रदेश के वन कार्यालय में काम कर रहे सभी सामयिक वर्कर्स को 18 हजार रुपए प्रत्येक माह पे स्केल के रूप में देने का योजनाबद्ध अहम निणय ले लिया है। जिसका फायदा उन्हें दिया जाएगा, जो छठे पे स्केल आयोग के अंतर्गत 7 हजार रुपए का मिनिमम वेतन ले रहे हैं। जनरल एडवोकेट अशोक मेहता के इस स्टेटमेंट के बाद न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र द्वारा कोई ऑर्डर जारी नहीं किए गए है। इसके साथ ही रिक्वेस्ट उच्च कोर्ट में हाजिर करने का ऑर्डर दे दिया है।
जानें क्या है पूरा माजरा
दरअसल एडिशनल जनरल एडवोकेट के द्वारा दिए गए स्टेटमेंट के बाद छठे पे स्केल आयोग के अंतर्गत जिन कर्मचारियों को 7 हजार रूपए कम से कम पे स्केल मुहैया कराया जा रहा था। उन्हें परिशोधित कर 18 हजार रुपए प्रत्येक माह मिनिमम पे स्केल देने का पथ क्लियर हो गया है। हाई कोर्ट में एडिशनल जनरल एडवोकेट द्वारा दिए गए बयान के तीन दिन बाद ही राज्य सरकार के अनु सचिव दिनेश कुमार सिंह द्वारा ऑर्डर पेश कर दिया गया था। जिसमें सभी वन संरक्षण को और कार्यकालीन अध्यक्ष को ऑर्डर जारी कर दिया गया कि अगर वन कार्यालय के आकस्मिक कर्मचारियों को मिनिमम पे स्केल दिया जाता है तो राज्य सरकार पर विधिक नैतिक दबाव होगा और दूसरे कार्यालय भी इसी तरह की डिमांड करेंगे।
आगे ऑर्डर में साफ़ किया गया है कि सामयिक कर्मचारियों को वर्क का मुआवज़ा दिया जाता है। जहां कम से कम पे स्केल भत्ते स्वीकार्य करना सरकारी पॉलिसी के बिल्कुल विरुद्ध है। ये भी कहा गया है कि कैजुअल कर्मचारियों से लगातार काम में न लिया जाए अन्यथा वह फ्यूचर में नियमित कार्य की डिमांड कर सकते हैं।
किन्हें मिलेगा लाभ
हालांकि इससे पूर्व हाई कोर्ट में एडिशनल जनरल एडवोकेट ने यह भी बताया था कि कर्मचारियों को बराबर ढंग से 18 हजार रुपए में पे स्केल का लाभ दिया जा रहा है। चाहे उनकी तैनात किसी भी नाम से की गई हो। यह भी कहा गया था कि अधिकतर को 18 हजार रुपए मुहैया कराए जा रहे हैं लेकिन जो बच गए हैं, उन्हें भी इसका फायदा जल्द ही मिलेगा। एडिशनल जनरल एडवोकेट द्वारा कोर्ट में दिए गए स्टेटमेंट के फ़ौरन बाद ऑर्डर जारी करने के बाद अब इसके लिए याचिका उचित कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। जिसकी सुनवाई 26 सितंबर को होनी है।
इससे पूर्व अलीगढ़ में वन कार्यालय में कार्यकारी इशाक मोहम्मद की याचिका पर पेशी की गई। याचिकाकर्ता के एडवोकेट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभा शंकर दुबे केस में साल 2018 में छठे पे स्केल का मुनाफे वर्क कर रहे कर्मचारियों को प्रति माह 18 हजार रुपए पे स्केल देने का ऑर्डर दिया था। जिसका अनुसरण नहीं किया जा रहा है।